एम्बुलेंस की हड़ताल से मरीजों को हो रही भारी परेशानी

हाईकोर्ट ने एसीएस को किया तलब

विधानसभा के सामने प्रदर्शन कर रहे एम्बुलेंसकर्मी

 

पाथेय डेस्क

जयपुर । प्रदेश में गुरुवार को शुरू हुई 108 और 104 और बेस एम्बुलेंस की हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रहने से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड रहा है। वहीं हड़ताल पर हाईकोर्ट गंभीर है। हाईकोर्ट ने अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह व यूनियन के अध्यक्ष को तलब किया है। हडताल के चलते एम्बुलेंस संचालित नहीं होने से जयपुर में एसएमएस के ट्रोमा सहित जयपुरिया, सेटेलाइट, कांवटिया सहित अन्य अस्पतालों में एक्सीडेंट और अन्य मरीजों को लोग स्कूटर, कारों और ऑटो में लेकर पहुंचे। सरकार ने हड़ताल पर गए कर्मचारियों को वार्ता के लिए बुलाया था, लेकिन बात नहीं बनी।
हड़ताल से गुरुवार को भी दिनभर मरीज व उनके परिजन परेशान होते रहे। समय ज्यादा लगने से ना लोगों को फर्स्टएड मिला और कई की तो तबीयत भी बिगड़ी। लोगों ने कहा कि 108 एम्बुलेंस बुलाने के लिए कई कॉल किए, लेकिन रिस्पॉन्स नहीं मिला। वहीं हॉस्पिटलों से मरीजों को शिफ्ट करने का फायदा निजी एम्बुलेंस कर्मियों ने उठाया। जिन एम्बुलेंस को अस्पतालों की और दौड़ना था, वे जनपथ पर खड़ी रहीं। विधानसभा के सामने ड्राइवरों ने विरोध जताया। यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह शेखावत का कहना है कि हमारी सात मांगे हैं। प्रदेश के एम्बुलेंस ड्राइवर, कंपाउंडर सहित करीब 6 हजार लोग जयपुर आकर विरोध जताएंगे।

यह है हड़ताल की वजह
सरकार की ओर से 108, 104 और बेस एम्बुलेंस सेवा के संचालन के लिए निविदा निकाली गई है जिसमें कर्मचारियों के वेतन सहित अन्य जानकारी नहीं दर्शायी गई है। कर्मचारियों को नौकरी और तनख्वाह को लेकर संशय बना हुआ है। कर्मचारियों की मांग है कि इंटीग्रेटेड एम्बुलेंस सेवा 108, 104 और बेस एम्बुलेंस सेवा के लिए सरकार द्वारा एक अलग रिसीवर नियुक्त किया जाए। नई निविदा में वर्तमान कर्मचारियों को ही रखा जाए। एम्बुलेंस में कार्यरत ईएनटी (नर्सिंगकर्मी) 16 हजार और (ड्राइवर को 14 हजार वेतन दिया जाए। नई निविदा में एम्बुलेंस कर्मचारियों का कार्य समय 8 घंटे किया जाए। वेतन में 10 प्रतिशत बढ़ोतरी हो, मूलभूत सुविधाएं मिले। संविदाकर्मियों की कमेटी में एम्बुलेंस कर्मियों भी शामिल करें।

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