केन्द्रीय वित्त सचिव की शिक्षा बजट पर टिप्पणी गैर जिम्मेदाराना- अभाविप

केन्द्रीय वित्त सचिव की शिक्षा बजट पर टिप्पणी गैर जिम्मेदाराना- अभाविप

केन्द्रीय वित्त सचिव की शिक्षा बजट पर टिप्पणी गैर जिम्मेदाराना- अभाविपकेन्द्रीय वित्त सचिव की शिक्षा बजट पर टिप्पणी गैर जिम्मेदाराना- अभाविप

नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने केन्द्रीय वित्त सचिव टी.वी. सोमनाथन के एक अंग्रेजी दैनिक समाचार पत्र को दिए साक्षात्कार में शिक्षा क्षेत्र के लिए बजट के संदर्भ में की गई टिप्पणी की निंदा की है।

परिषद ने कहा कि केन्द्रीय वित्त सचिव की टिप्पणी न केवल राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के समय हुए व्यापक विमर्श से शिक्षा के विषयों पर बनी सामूहिक समझ के विपरीत है, अपितु यह प्रधानमंत्री मोदी द्वारा समय-समय पर शिक्षा के विषय को लेकर जताई चिंता की उपेक्षा भी करता है। शिक्षा क्षेत्र में आधारभूत ढांचे के विकास, उच्च शिक्षा में जी.ई.आर. (GER) की दयनीय स्थिति सुधारने, अमृतकाल की नई आकांक्षाओं के अनुरूप राष्ट्रीय शिक्षा नीति में दर्शाये व्यापक परिवर्तन सुनिश्चित करने आदि विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए केन्द्र तथा राज्य सरकारों के साथ निजी क्षेत्र द्वारा उचित निवेश करना अवश्यंभावी है।

कोठारी आयोग (1966) ने जीडीपी का 6 प्रतिशत शिक्षा क्षेत्र के लिए निर्धारित करने की अनुशंसा की थी, साथ ही राष्ट्रीय शिक्षा नीतियों के साथ-साथ शिक्षा क्षेत्र के संबंध में आए विभिन्न दस्तावेजों में गहन शोध तथा विचार विमर्श के उपरांत विशेषज्ञों द्वारा समय-समय पर शिक्षा बजट को बढ़ाए जाने संबंधी बिंदु को तथ्यों के आधार पर रेखांकित किया गया है। शिक्षा क्षेत्र के लिए बजट बढ़ोतरी तो हुई है, परंतु शिक्षा क्षेत्र के लिए जीडीपी का 6 प्रतिशत बजट निर्धारण संबंधी अनुशंसा पर ध्यान नहीं दिया गया।

अंग्रेजी दैनिक के साक्षात्कार में जिस प्रकार से केन्द्रीय वित्त सचिव ने शिक्षा के बजट पर टिप्पणी की है, वह उनकी शिक्षा विषय पर पर्याप्त समझ की कमी को दर्शाता है और उनका बयान बेहद गैर जिम्मेदाराना है।

महामंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ल ने कहा कि, “शिक्षा क्षेत्र में धनराशि के समुचित निवेश का मुद्दा अत्यंत महत्वपूर्ण है। देश के हर बच्चे तक शिक्षा की पहुंच तथा उसकी गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए धन आवंटन एक बेहद महत्वपूर्ण कारक है, विश्व के अनेक देश अपनी शिक्षा व्यवस्था में बड़ा निवेश कर रहे हैं। ऐसे समय जब सम्पूर्ण राष्ट्र शिक्षा नीति के बाद बड़े परिवर्तनों की तरफ देख रहा है, ऐसे समय इस प्रकार कि टिप्पणी केवल शिक्षा समुदाय में सरकार के विरुद्ध अविश्वास को बढ़ाएगी। केन्द्रीय वित्त सचिव की शिक्षा क्षेत्र को लेकर की गई टिप्पणी अनुचित तथा दुर्भाग्यपूर्ण है।”

Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *