अनेक राज्य सरकारों ने कोविड महामारी से निपटने में केन्द्र का अपेक्षित सहयोग नहीं किया – डॉ. अग्रवाल

अनेक राज्य सरकारों ने कोविड महामारी से निपटने में केन्द्र का अपेक्षित सहयोग नहीं किया - डॉ. अग्रवाल

अनेक राज्य सरकारों ने कोविड महामारी से निपटने में केन्द्र का अपेक्षित सहयोग नहीं किया - डॉ. अग्रवाल

अग्रवाल पीजी कॉलेज जयपुर द्वारा ‘भारत में विकेन्द्रीकृत लोकतांत्रिक व्यवस्था : कोरोनाकालीन संदर्भ’ विषयक एक दिवसीय बेविनार का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 100 से अधिक प्रतिभागियों ने सहभागिता की। बेविनार के मुख्य वक्ता मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय उदयपुर के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सतीश चंद अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत में विकेन्द्रीकृत लोकतांत्रिक व्यवस्था का उत्कृष्ट त्रिस्तरीय संरचनात्मक ढांचा विद्यमान है। महामारी के समय स्वास्थ्य सुविधाओं का उचित प्रबंधन नहीं होने के लिए केवल केन्द्र सरकार को दोषी ठहराया जाना उचित नहीं है। स्वास्थ्य सेवा, अस्पताल, साफ सफाई, राज्य सूची का विषय होने के कारण राज्य सरकारें भी उत्तरदायी हैं। अनेक राज्य सरकारों द्वारा इस महामारी से निपटने में केन्द्र का अपेक्षित सहयोग नहीं किया गया। शासन के तीसरे स्तर पर संविधान की 11वीं और 12वीं अनुसूची में प्राथमिक स्वास्थ्य व साफ सफाई का उल्लेख है, जो पंचायती राज संस्थाओं के उत्तरदायित्व को इंगित करता है, परंतु महामारी से निपटने में विगत एक वर्ष के काल खंड में इन पंचायती राज संस्थाओं की भूमिका नगण्य रही है। सरकार के किसी अकेले क्षेत्राधिकार के पास ऐसे संकट से निपटने की क्षमता नहीं है, अतः तीनों स्तर की सरकारों के बीच सहयोग व समन्वय अत्यंत आवश्यक है।

बेविनार के संयोजक डॉ. बीएल देवंदा ने प्रस्तावना रखते हुये विषय की उपादेयता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रो. आरएस खंगारोत ने की। महाविद्यालय के उप प्राचार्य डॉ. पीएस राठौड़ ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. अशोक गुप्ता ने किया। बेविनार में अग्रवाल शिक्षा समिति के अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल, महासचिव नरेश सिंघल, सचिव विकास अग्रवाल एवं सभी शिक्षक गण मौजूद रहे।

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