जनजाति गौरव पखवाड़ा: गांव-ढाणियों तक कराएंगे महापुरूषों के गौरव का स्मरण
- 8 नवम्बर से उदयपुर संभाग के जिलों में वाहन रैली व गंगा जल कलश यात्रा प्रारम्भ
- 15 व 17को ट्विटर पर ट्रेन्ड चलाया
बांसवाडा, 15 नवम्बर। समाज में जागृति के साथ पूर्वजों व अतीत के गौरव का स्मरण कराने के उद्देश्य को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विविध संगठनों व सामाजिक धार्मिक संस्थानों के सहयोग से उदयपुर संभाग में राष्ट्रीय जनजाति गौरव दिवस, भगवान बिरसा मुंडा की जयंती व मानगढ़ बलिदान दिवस को जोड़कर व्यापक स्तर पर जनजाति गौरव पखवाड़ा मनाया जा रहा है। संघ की विभाग बैठक में इसे लेकर कार्ययोजना बनी है।
बांसवाड़ा विभाग संघचालक प्रेमनाथ कटारा ने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा जयंती को केन्द्र मानकर 8 नवंबर को वनवासी कल्याण परिषद द्वारा उदयपुर में कार्यक्रम प्रारंभ हुए थे। यह पखवाड़ा (8-22 नवंबर 2020) जनजाति गौरव के रूप में मनाया जा रहा है। उनका कहना है कि कम या अधिक संख्या में चाहे प्रतीकात्मक रूप में ही सही, राजस्थान के सभी जिलों में जयंती व बलिदान दिवस के कार्यक्रम मनाए जाएंगे।इसके अंतर्गत संघ एवं विविध संगठनों द्वारा कर पत्रक, स्टीकर, जीवन उपदेशक कार्ड, भगवान बिरसा मुंडा के चित्र, रंगोली आदि उनके जीवन से संदर्भित जानकारी की जीवनी की पुस्तिकाएं व आलेख आदि गांव स्तर तक लोगों को वितरित किए जाएंगे तथा प्रमुख स्थानों पर उनके फोटो व जानकारी देने वाले बैनर लगाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि इसका उद्देश्य जनजाति व वागड़ के आदर्श मार्गदर्शक भगवान बिरसा मुंडा की जयंती के अवसर पर गोविन्द गुरु, सती सुरमालजी, मावजी महाराज, मामा बालेश्वरदयाल, वीर बाला कालीबाई व नानाभाई खांट आदि महापुरुषों के गौरवमयी जीवन को जन साधारण तक पहुंचाना तथा उनके द्वारा देश व समाज में भक्ति-भावना का जागरण, समाज सुधार हेतु किये गए भगत आंदोलन तथा देश की स्वतंत्रता के लिए दिए गए बलिदानों का पुण्य स्मरण कराना है।
पखवाड़े के अर्न्तगत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, वनवासी कल्याण परिषद, विश्व हिंदू परिषद, विद्या भारती, जनजाति शिक्षा समिति, भारतीय किसान संघ, बाँसवाड़ा परियोजना, धर्म जागरण समन्वय, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, जनजाति स्वाभिमान जागृति मंच समेत सामाजिक कार्यों में लगे विविध संगठनों द्वारा बांसवाड़ा, डूंगरपुर, सिरोही, उदयपुर, प्रतापगढ एवं राजसमन्द समेत पूरे संभाग के गांव-गांव में अपने कार्य क्षेत्र के अनुसार विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जिनमें प्रबुद्ध वर्ग की गोष्ठियां, कोरोना एडवाइजरी की पालना करते हुए रैलियॉं, जनजाति क्षेत्र में धूणी-धाम में भक्तों की भजन मंडली, वाहन रैली एवं मातृशक्ति की गंगा जल कलश यात्रा आदि शामिल हैं।