राम जन्मभूमि आन्दोलन से जुड़े जय बहादुर सिंह शेखावत नहीं रहे
अयोध्या की राम जन्म भूमि को बचाने के लिए राजस्थान में जन जागरण कर आंदोलन का नेतृत्व करने वाले विश्व हिंदू परिषद के नेता जय बहादुर सिंह शेखावत “खाचरियावास” का रविवार को जयपुर में निधन हो गया। 93 वर्षीय शेखावत का जन्म 3 जून 1927 को खाचरियावास ठाकुर व न्यायाधीश कल्याण सिंह के यहां पर हुआ था। बाल्यकाल से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए और पूरा जीवन संघ और उसकी गतिविधियों में लगाया। अंतिम समय तक भी वे हिंदू समाज, देश व धर्म की सेवा में जुटे रहे।
पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत के चचेरे भाई जय बहादुर सिंह संघ से प्रतिबंध हटाने की मांग पर आंदोलन में शामिल हुए और 3 महीने का कठोर दण्ड भुगतने के लिए कारावास में रहे। राजस्थान में मंदिरों को बचाने के लिए किए गए आंदोलन में भी उनकी अग्रणी भूमिका थी। जयपुर में भारत माता मंदिर की स्थापना में जय बहादुर सिंह का बहुत सहयोग रहा।
1970 के कर्मचारी आंदोलन के दौरान भी जेल गए। 1990 में राम जन्मभूमि आंदोलन में राजस्थान के स्वयंसेवकों के जत्थे का उन्होंने नेतृत्व किया तथा 14 दिसंबर 1992 को गिरफ्तारी भी दी। वे गोहत्या विरोधी आंदोलन से तो प्रारम्भ से ही जुड़ गए थे बाद में गोवंश संवर्धन परिषद, राजस्थान के अध्यक्ष बने। 1966 से 1993 तक विश्व हिंदू परिषद के संयुक्त महामंत्री रहे। 1997 में शासन ने गोसेवा आयोग का उपाध्यक्ष बनाया। जनजाति समाज के उत्थान व गोशालाओं को हर माह राशि एकत्र करके भेजते रहे। पिछले दिनों इन्हें राजस्थान “सनातन पुरुष” की उपाधि से सम्मानित किया गया। भगवद्गीता ज्ञान प्रचार ट्रस्ट के संयोजक और गांधी विद्या मंदिर सरदारशहर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष रहे। सरसंघचालक श्रीगुरूजी व बालासाहब देवरस जी का सानिध्य मिला। गुरुजी के कई पत्र आज भी उनके संग्रह में मौजूद हैं।
आज सुबह उनका स्वर्गवास हो गया। उनके अंतिम संस्कार में विहिप के नरपत सिंह, सुरेश उपाध्याय व संघ के घुमन्तु कार्य के अ० भा० प्रमुख उपस्थित थे।