उत्तर प्रदेश में धार्मिक केंद्रों के विकास पर बल और तीर्थ यात्राओं को बढ़ावा

उत्तर प्रदेश में धार्मिक केंद्रों के विकास पर बल और तीर्थ यात्राओं को बढ़ावा

मृत्युंजय दीक्षित

उत्तर प्रदेश में धार्मिक केंद्रों के विकास पर बल और तीर्थ यात्राओं को बढ़ावाउत्तर प्रदेश में धार्मिक केंद्रों के विकास पर बल और तीर्थ यात्राओं को बढ़ावा

अयोध्या और काशी के बाद अब प्रदेश सरकार मथुरा, वृंदावन में भी भव्य कॉरिडोर बनाने की ओर अग्रसर है। इसके साथ ही प्रदेश में तीर्थ यात्राओं को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के सभी छोटे व स्थानीय महत्व के धार्मिक स्थलों का विकास भी किया जा रहा है, जिससे तीर्थ यात्राओं को बढ़ावा तो मिलेगा ही रोजगार के नए अवसर भी उपलब्ध होंगे।

प्रदेश सरकार निवेश लाने के लिए जो अभियान चला रही है, उसके केंद्र बिंदु में तीर्थ पर्यटन एक महत्वपूर्ण बिंदु रखा गया है। जिसके कारण निवेशक बड़ी संख्या में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश के लिए आगे आ रहे हैं। यह प्रदेश सरकार की मेहनत का ही परिणाम है कि इस बार आंग्ल नववर्ष पर प्रदेश के सभी प्रमुख मंदिरों व धार्मिक केंद्रों पर भारी भीड़ उमड़ी। प्रदेश के प्रमुख आस्था केन्द्रों अयोध्या, मथुरा, काशी सहित तमाम छोटे बड़े आस्था केंद्रों पर भक्तों का अभूतपूर्व आगमन देखा गया। भक्तों का उत्साह इतना प्रबल था कि कड़ाके की ठंड का उन पर प्रभाव नहीं हो रहा था।

आम हिंदू जनमानस नव्य काशी में बाबा भोलेनाथ का दर्शन करने के लिए आतुर था। काशी विश्वनाथ मंदिर में नया कॉरिडोर बनने के बाद विगत वर्ष से अब तक 11 करोड़ से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। यही स्थिति अयोध्या नगरी में भी रही। वहीं लखनऊ के चंद्रिका देवी मंदिर में भी दो लाख से अधिक भक्त दर्शन करने के लिए पहुंचे। यहां पर दर्शन करने के लिए आये दर्शनार्थियों का मानना था कि योगी सरकार आने के बाद यहाँ अच्छी व्यवस्था हो गई है, सड़कें अच्छी हो गई हैं और यातायात की सुविधा भी सुलभ है।

प्रदेश में तीर्थ यात्राओं के महत्व को ध्यान में रखते हुए अब प्रदेश सरकार ब्रज के सभी गुमनाम धार्मिक स्थलों का विकास तो करेगी ही, मथुरा के बांके बिहारी जी का भव्य कॉरिडोर बनाने की ओर भी बढ़ चली है। प्रदेश सरकार पांच एकड़ क्षेत्र में 506 करोड़ रुपए से वहां भव्य और दिव्य परिसर तैयार कराएगी। नए परिसर में परिक्रमा मार्ग स्थित जुगल घाट की ओर से मुख्य प्रवेश द्वार होगा। परिसर का स्वरूप ऐसा तैयार किया गया है कि उसके अंदर प्रवेश करते ही आराध्य की छवि श्रद्धालु निहार सकेंगे। परिसर के लिए भवन सर्वे का कार्य पूरा कर लिया गया है। यहां बनने वाले प्रस्तावित परिसर में लगभग आठ सौ वर्ग मीटर का कान्हा की लीलाओं के चित्रों से सुसज्जित गलियारा होगा और इसी गलियारे पर श्रद्धालुओं की दर्शन के लिए कतार लगेगी। इसी में मंदिर से जुड़ा प्रथम तल होगा। मंदिर आने के लिए 20 से 25 मीटर चौडे़ रास्ते बनेंगे, जिसमें पहला रास्ता सीधे मंदिर तक पहुंचेगा। नए परिसर में लगभग 900 मीटर का परिक्रमा मार्ग भी होगा। कुल मिलाकर बांके बिहारी मंदिर का गलियारा बहुत ही भव्य बनाए जाने का प्रस्ताव पारित हो चुका है। गलियारे का प्रथम तल 2,380 वर्गमीटर का होगा।1,150 वर्गमीटर में प्रतीक्षालय बनाया जाएगा। जुगल घाट, विद्यापीठ चौराहा और जादौन पार्किंग से तीन प्रवेश द्वार बनाये जाएंगे। 1,800 वर्गमीटर में यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण होगा। बांके बिहारी मंदिर में प्रस्तावित परिसर में 800 वर्गमीटर में पूजा समाग्री की दुकानें भी खोली जाएंगी। बृज के तीर्थों का विकास करने के लिए उप्र बृज तीर्थ विकास परिषद की ओर से जिनका जीर्णाद्धार किया जा रहा है, उसमें एक ”ताज बीबी“ और रसखान का समाधि स्थल भी है। ये दोनों ही भगवान कृष्ण के अनन्य भक्तों में से एक थे जो मुस्लिम समुदाय के होते हुए भी भगवान कृष्ण को मानते थे।इन मुस्लिम भक्तों के समाधि स्थल पूरी तरह से खंडहर हो चुके थे, जिनका जीर्णोद्धार किया जा रहा है। ताज बीवी और रसखान के समाधि स्थल का जीर्णोद्धार हो जाने के बाद यहां पर भी पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हो रही है। यहां पर 500 लोंगों के लिए ओपन थिएटर बनाया गया है, जिसमें ताज बीवी और रसखान के जीवन कार्यां पर शो आयोजित किए जाते हैं। इस कार्यक्रम की लोकप्रियता को देखते हुए अब बृज के सभी गुमनाम धार्मिक स्थलों को विकसित करने का निर्णय लिया गया है, जिस पर तीव्र गति से काम जारी है।

तीर्थयात्रियों के आवागमन कि सुविधा के लिए आगरा और मथुरा का हैलीपैड दो से तीन माह में तैयार हो जाएगा।लखनऊ में रमाबाई उद्यान के सामने हैलीपैड तैयार है और अयोध्या का अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट जून तक पूरा हो जाने की संभावना है।

प्रदेश में तीर्थाटन को बढ़ावा देने के लिए पुराणों में वर्णित नैमिषारण्य धाम के लिए नैमिषारण्य तीर्थ विकास बोर्ड की घोषणा की गई है, जिसके अंतर्गत नैमिषारण्य का भी विकास किया जाएग। इस तीर्थ विकास बोर्ड की बैठक भी हो चुकी है साथ ही यहाँ पर ईको टूरिज्म को बढ़ावा देने के साथ कई प्रकार के कार्य किए जाएंगे।

प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह का कहना है कि बुंदेलखंड के किलों, महलों को विकसित करके पर्यटकों को उनमें ठहराने का निर्णय लिया गया है। पर्यटन का वार्षिक कैलेंडर जारी करते हुए मंत्री ने कहा कि रेल, जल व वायु कनेक्टिविटी का विस्तार करके पर्यटकों को प्रदेश के ऐतिहासिक, धर्मिक व पौराणिक महत्व के स्थलों की ओर आकर्षित किया जा रहा है। पर्यटन मंत्री का कहना है कि पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार सृजन की असीमित संभावनाएं हैं। सुविधाओं के विकास के कारण प्रदेश पर्यटकों व तीर्थ यात्रियों की पहली पसंद बन रहा है।

आगामी 1 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में अयोध्या में भव्य राम मंदिर का उद्घाटन होते ही अयोध्या सहित प्रदेश के अनेक धार्मिक केंद्रों पर भारी भीड़ उमड़ेगी, यह अभी से तय है क्योंकि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह त्रिपुरा की एक जनसभा में जनता से अपील कर चुके हैं कि आप लोग भव्य राम मंदिर के दर्शन करने के लिए अभी से टिकट बुक करवा लें।

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