राष्ट्र की सेवा के लिए समाज एक जुट हों – दर्शना जरदोश
राष्ट्र की सेवा के लिए समाज को एक जुट होना चाहिए। यह बात भारत सरकार की कपड़ा एवं रेल राज्य मंत्री श्रीमती दर्शना जरदोश ने मुख्य अतिथि के रूप में संत शिरोमणि श्री नामदेव जी महाराज की 751वीं जयंती के अवसर पर अखिल भारतीय श्री नामदेव छीपा महासभा समिति द्वारा आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में कही।
श्रीमती दर्शना जरदोश ने कहा कि संत नामदेव जी की जयंती के अवसर हमें एकजुट होकर कार्य करने की प्रेरणा लेनी चाहिए। समाज को भारत माता के लिए कार्य करने का यही सही अवसर है, जब हम आजादी का 75 वां वर्ष एक जुट होकर मनाएं। आज हम सब यह संकल्प लें कि हम समाज व राष्ट्र के लिए, अपनी नयी पीढ़ी के लिए कुछ नया करेंगे। उन्होंने समाज के रंगाई, छपाई, सिलाई एवं बंधेज का कार्य करने वाले बंधुओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित होने के लिए एक जुट होकर अपने लिए नए वैश्विक बाजार ढूंढने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि सरकार ने इसके लिए बहुत सारी योजनाएं बनाई हैं, उन्हें उनको समझना चाहिए। श्रीमती जरदोश ने संत नामदेव पर पीएच.डी.कर सम्मानित होने वाले शोधार्थियों से संत जी के कार्यों को आगे बढ़ाने का आग्रह किया। बोध फाउंडेशन के संस्थापक रिवेश वदे (विभुश्री) ने समाज बंधुओं को संत नामदेव जी की तरह हर कार्य ईश्वर को साक्षी मानकर करने की सलाह दी तथा जीवन में नाद योग का महत्व बताया। मुख्य वक्ता प्रोफेसर अशोक कामत ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि अब संत नामदेव पर शोध कार्य होने लगा है तथा उनके जीवन दर्शन से लोग प्रभावित होने लगे हैं। विश्व में वर्तमान परिस्थितियों में संत नामदेव की शिक्षाएं बहुत ही प्रासंगिक हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मानव अधिकार आयोग के सदस्य डॉ. ज्ञानेश्वर म.मुले ने समाज को राजनीतिक क्षेत्र में प्रभावशाली तरीके से समाज सेवा के कार्य करते हुए आगे बढ़ने की सलाह दी। प्रारंभ में महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहनलाल छीपा ने सभी आगंतुकों का शाब्दिक स्वागत किया व संस्था के कार्यों की जानकारी दी। महासभा के सचिव घनश्याम वर्मा ने मंच संचालन किया तथा सभी का आभार प्रकट किया।