अमृत महोत्सव में नाटक खुदीराम बोस का मंचन
अमृत महोत्सव में नाटक खुदीराम बोस का मंचन
“जज साहब, मेरे वकील साहब ने कहा मुझे बम बनाना नहीं आता होगा…. लेकिन आप मुझे 5 मिनट का समय दें, मैं आपको भी सिखा दूँगा, बम कैसे बनाया जाता है।” यह था एक 18 वर्षीय नौजवान का उत्तर, जब जज उसके मुकदमे को सुन रहा था और उसके वकील ने समझाया था कि अनजान बन जाओ तो बच सकते हो।
यह और कोई नहीं महान हुतात्मा थे, क्रांतिकारी ‘खुदीराम बोस’, जिन्होंने मात्र 18 वर्ष की आयु में अंग्रेजों को सबक सिखाने के बाद याचना के बजाय हंसते हंसते फांसी के फंदे को चूम कर वंदे मातरम् का उद्घोष करते हुए प्राणोत्सर्ग किया।
सोमवार 29 अगस्त 2022 को इसी महान हुतात्मा के जीवन पर आधारित नाटक का मंचन उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र, पटियाला एवं संस्कार भारती के सौजन्य से जयपुर के रविन्द्र मंच पर किया गया। इस नाटक का आलेख एवं निर्देशन प्रसिद्ध रंगकर्मी श्री संदीप लेले ने किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रविन्द्र भारती, राष्ट्रीय संगीत विधा संयोजक अरुण कुमार शर्मा, उत्तर पश्चिम क्षेत्र प्रमुख डॉ. सुरेश बबलानी समेत अनेक कार्यकर्ता, पदाधिकारी व दर्शक उपस्थित रहे।
आत्मा राम सिंघल, प्रकाश दायमा, रीतु शुक्ला, समर्थ शांडिल्य, ललित कुलदीप, मनीष धाभाई, अंकित सेन, अभिषेक शर्मा, विक्रम सिंह, पंकज लांबा, भव्य पाराशर एवं शक्ति सिंह आदि कलाकारों ने अपने बेहतरीन अभिनय से ‘खुदीराम बोस’ के बलिदान को दर्शकों के सामने जीवंत कर दिया। संगीत संयोजन का दायित्व राकेश दीक्षित, प्रकाश व्यवस्था का यशेष पटेल और मेकअप का दायित्व रवि बांका ने बड़ी कलात्मकता से निभाया। ललित कुलदीप और समर्थ शांडिल्य ने अपनी भूमिका को प्रभावी तरीके से अभिनीत किया।