पंचांग 18 जून 2021
पंचांग 18 जून 2021
सुविचार
क्रोधो हर्षश्च दर्पश्च ह्री: स्तम्भो मान्यमानिता।
यमर्थान्नापकर्षन्ति स वै पण्डित उच्चयते।।
भावार्थ
विद्वान किसी भी सूरत मे पथविहीन नहीं होते तथा भावनाओं के आवेश – क्रोध, खुशी, शर्म, हठ एवं झूठी प्रशंसा भी उनके मार्ग मे बाधा नहीं डाल सकते हैं।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।