पंचांग 9 मई 2022

सुविचार
शरीरस्य गुणानाञ्च दूरमत्यन्तमन्तरम्।
शरीरं क्षणविध्वंसि कल्पान्तस्थायिनो गुणाः॥
भावार्थ
शरीर और गुण इन दोनों में बहुत अन्तर है, शरीर थोड़े दिनों तक ही रहता है; परन्तु गुण प्रलयकाल तक बने रहते हैं।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।
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