पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे का प्रधानमंत्री मोदी के पैर छूना…

पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे का प्रधानमंत्री मोदी के पैर छूना...

प्रशांत पोळ

पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे का प्रधानमंत्री मोदी के पैर छूना...पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे का प्रधानमंत्री मोदी के पैर छूना…

इस समय, जब पूरब के एक छोर का छोटा सा देश, ‘पापुआ न्यू गिनी’ गहरी निद्रा में है, वहां के एक फोटो ने सारे भारत में जबरदस्त हलचल मचा रखी है। सारे समाचार चैनल इसी समाचार को दोहरा रहे हैं।

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, Forum for India-Pacific Islands Cooperation (FIPIC) के तीसरे अधिवेशन में पापुआ न्यू गिनी के पोर्ट मोरेस्बी में कल शाम को पहुंचे। जापान से निकलने का और पापुआ न्यू गिनी (प्रचलित भाषा में पीएनजी) पहुंचने का समय कुछ ऐसा था कि सूर्यास्त के बाद प्रधानमंत्री मोदी वहां पहुंच रहे थे। पीएनजी के शासकीय प्रोटोकॉल के अनुसार, रात्रि, सूर्यास्त के बाद वहां शासकीय स्वागत नहीं किया जाता। किंतु इन सारे प्रोटोकॉल्स को न मानते हुए, पीएनजी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने न केवल प्रधानमंत्री मोदी का शाही स्वागत किया, बल्कि एयरपोर्ट पर, सबके सामने उनके पैर भी छुए..!

यह अद्भुत है, अभूतपूर्व है। विश्व के इतिहास में आज तक कभी किसी राष्ट्र प्रमुख ने, दूसरे राष्ट्र प्रमुख के पांव सार्वजनिक रूप से नहीं छुए।

इससे कोई अंतर नहीं पड़ता कि पापुआ न्यू गिनी (पीएनजी) मात्र एक करोड़ जनसंख्या का छोटा सा देश है। इससे भी अंतर नहीं पड़ता कि पीएनजी का वैश्विक राजनीति में बहुत बड़ा स्थान नहीं है। अंतर इससे पड़ता है कि वैश्विक राजनीति में मोदी का प्रभाव जबरदस्त तरीके से बढ़ रहा है। जब मोदी कोरोनाकाल में विश्व के अनेक छोटे-बडे देशों को वैक्सीन भेज रहे थे, तब इस देश के बुद्धिजीवी उनकी खिल्ली उड़ाते थे। आज वही सब काम आ रहा है।

कोरोना की भीषण त्रासदी में, जब पीएनजी खून के आंसू पी रहा था, उसका पड़ोसी देश चीन जब मुंह फेर रहा था, तब भारत ने इस देश के लिए आवश्यक वैक्सीन की पूर्ति की थी। 7 अप्रैल 2021 को भारत ने पापुआ न्यू गिनी को लाखों वैक्सीन भेजे थे। जेम्स मारापे को इस सब का स्मरण था। प्रधानमंत्री मोदी के पैर छूना कृतज्ञता व्यक्त करने का एक छोटा सा प्रयास था।

किसी जमाने में, हजार – डेढ़ हजार वर्ष पहले, पुरुषपुर (आज का पेशावर) से पापुआ न्यू गिनी तक हिंदू संस्कृति का साम्राज्य था। पैर छूने की इस छोटी सी घटना ने हमारी उस प्राचीन संस्कृति के धागों को पुनः मजबूत किया है।

इस घटना से कुछ ही घंटों पहले, जापान में क्वाड सम्मेलन के समापन के समय, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मोदी से कहा, “आप तो अद्भुत लोकप्रिय हो। अमेरिका में आपके कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिये अनेक बड़ी-बड़ी हस्तियां मुझसे टिकट की व्यवस्था करने के लिये मेरी जान खा रही हैं।

यह बदलते भारत का अद्भुत चित्र है।

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