पीएफआई संवैधानिक अधिकारों का अनादर करता है – केंद्रीय गृह मंत्रालय

पीएफआई संवैधानिक अधिकारों का अनादर करता है - केंद्रीय गृह मंत्रालय

पीएफआई संवैधानिक अधिकारों का अनादर करता है - केंद्रीय गृह मंत्रालयपीएफआई संवैधानिक अधिकारों का अनादर करता है – केंद्रीय गृह मंत्रालय

जयपुर, 28 सितम्बर। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना जारी कर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) और इससे जुड़ी – ऑल इंडिया इमाम काउंसिल, कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया, रिहैब इंडिया फाउंडेशन, नेशनल कॉन्फ ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्ग, नेशनल विमेंस फ्रंट (NWF), जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन, रिहैब फाउंडेशन, केरल जैसी संस्थाओं को पांच वर्ष के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। PFI बहुत लंबे समय से NIA और अन्य जांच एजेंसियों के राडार पर थी। केंद्र सरकार की ओर से जारी 27 सितंबर 2022 की अधिसूचना में उपरोक्त सभी संस्थाओं को अगले पांच वर्षों के लिए ‘गैरकानूनी एसोसिएशन’ घोषित किया गया है। अधिसूचना में गृह मंत्रालय ने बताया है कि पीएफआई व अन्य संगठनों ने भारत में आतंक फैलाया। नोटिफिकेशन में भारत सरकार ने मेंशन किया है कि पीएफआई कई आपराधिक और आतंकी मामलों में शामिल रहा है। यह देश के संवैधानिक अधिकारों का अनादर करता है तथा बाह्य स्रोतों से प्राप्त धन और वैचारिक समर्थन के साथ देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गया है।

पीएफआई पर लगे बैन का अजमेर दरगाह के दीवान जैनुअल आबेदीन ने समर्थन करते हुए कहा कि “PFI देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त था।” साथ ही दरगाह के दीवान ने मुस्लिम समाज के युवाओं से भी अपील की है कि PFI जैसे देश विरोधी संगठनों से वे दूर रहें।

बैन को लेकर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि आतंकी संस्था से जुड़े होने का सबूत हो तो जनता के बीच रखना चाहिए, इतने दिनों से सरकार क्या कर रही थी। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने भारत सरकार के इस कदम की सराहना करते हुए कहा कि जब राष्ट्र की सुरक्षा की बात होगी तो कोई समझौता नहीं होगा। पूर्व शिक्षा मंत्री राजस्थान सरकार वासुदेव देवनानी ने कहा कि PFI और इसके अनुषांगिक संगठनों पर प्रतिबंध सराहनीय व स्वागत योग्य है।

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