इस बार नहीं आयोजित होगा विश्व विख्यात पुष्कर मेला
देश विदेश में विख्यात पुष्कर मेला इस बार कोविड के चलते निरस्त कर दिया गया। अजमेर से ग्यारह किमी दूर पुष्कर में आयोजित होने वाले इस मेले की देश के साथ ही विदेशों में भी बड़ी धूम है। यह मेला हर साल कार्तिक शुक्ल एकादशी से शुरू होकर पूर्णिमा तक चलता है। इस दौरान लाखों की संख्या में देसी और विदेशी सैलानी यहॉं आते हैं। लेकिन इस बार संक्रमण न फैले इसके चलते मेले का आयोजन ही रद्द कर दिया गया।
पुष्कर मेला पशुओं, मुख्य रूप से ऊंटों की खरीद-फरोख्त के लिए लगने वाला मेला है। लेकिन पर्यटकों को यहॉं आयोजित होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम लुभाते हैं। इन कार्यक्रमों में पारम्परिक लोक नृत्य, लोक संगीत, घूमर, गेर, माण्ड और सपेरा जैसे लोक नृत्य शामिल हैं। इनके अतिरिक्त विभिन्न तरह की प्रतियोगिताएं जैसे दुल्हन की पोशाक में सजना, सबसे लम्बी मूंछें, रस्साकशी आदि भी सैलानियों के आकर्षण का केंद्र बिंदु रहती हैं।
पुष्कर तीर्थ की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पूरे भारत में सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा जी का इकलौता मंदिर यहॉं है। ऐसा माना जाता है कि यहॉं स्थित पवित्र पुष्कर सरोवर का निर्माण भगवान ब्रह्मा ने करवाया था।
ब्रह्मा मंदिर पूर्व में ही सरकार द्वारा खोल दिया गया है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना गाइडलाइन के अंतर्गत ही दर्शन करवाए जा रहे हैं। साथ ही सरोवर पर भी तय दिशानिर्देशों के अंतर्गत स्नान हो, इसका भी विशेष ध्यान रखा गया है।