पुस्तक समीक्षा – श्री राम जन्मभूमि मुक्ति संग्राम

ज्ञान गंगा प्रकाशन द्वारा प्रकाशित पुस्तक श्री राम जन्मभूमि मुक्ति संग्राम के लेखक बलवीर सिंह करुण ने सह लेखकों मोहनलाल छीपा एवं डॉ. राधेश्याम शर्मा के साथ राम जन्मभूमि के संबंध में तथ्यात्मक और ऐतिहासिक जानकारी प्रस्तुत करने एवं राम जन्मभूमि के बारे में जनमानस में चेतना जागृत करने का एक प्रेरणादायी कार्य किया है।

पुस्तक में विश्व हिंदू परिषद द्वारा चलाए गए ऐतिहासिक, पुरातात्विक एवं न्यायिक संघर्षों की तथ्यात्मक जानकारी प्रस्तुत की गई है। इस पुस्तक के विभिन्न अध्यायों में अयोध्या नगर का वैदिक उल्लेख एवं ऐतिहासिक परिचय प्रस्तुत किया गया है, जिसमें हिंदू, जैन, बौद्ध आदि मतावलम्बियों के जीवन में अयोध्या के महत्व और महात्म के बारे में बताया गया है। साथ ही अयोध्या एवं राम मंदिर का पुरातात्विक विश्लेषण करते हुए साहित्यिक शिलालेखों, मुस्लिम साहित्य, यूरोपीय विद्वानों तथा स्थापत्य कला के साक्ष्य प्रस्तुत किए गए हैं। लेखकों ने राम मंदिर संघर्ष में विविध मुक्ति संग्रामों में अपने प्राण न्योछावर करने वाले वीरों का मार्मिक चित्रण किया है। लेखक की कलम से अंकित किया गया 142 पेज का यह शब्द संकलन राम मंदिर शिला न्यास, रथ यात्रा कारसेवकों का संघर्ष एवं गिरफ्तारी, सरकार का पतन तथा जनमानस को उद्वेलित कर देने वाला नृशंस हत्याकांड स्वयंसेवकों, कारसेवकों एवं समग्र समाज के रूप में भारतीयों के प्रत्येक विपरीत परिस्थिति में दृढ़ संकल्प एवं जीवटता का प्रतीक है।

यह पुस्तक भारतीय समाज में अपनी संस्कृति एवं उसके प्रति सम्मान एवं संघर्षों में अपने योगदान का आत्मावलोकन करने का विशेष आग्रह करते हुए जनमानस के प्रत्येक वर्ग को अपनी ओर आकर्षित करती है। वर्ष २०१९ के न्यायालय के निर्णय का आधार इस पुस्तक के द्वारा स्वयं ही समझा जा सकता है।

प्रीति शर्मा

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