पुस्तक समीक्षा – Rebuild India

– प्रीति शर्मा

स्वामी विवेकानंद की 150वीं जन्मशती पर रामकृष्ण मठ एवं रामकृष्ण मिशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक में प्रकाशक ने 5 अध्याय में स्वामी विवेकानंद द्वारा भारतीय युवाओं को दिए गए संबोधनों एवं दिशा निर्देशों को सरल शब्दों में अंकित किया है।

स्वामी विवेकानंद जहां एक ओर जीवन के आधारभूत साधनों हेतु संघर्षशील जनता की ओर भारतीय युवाओं का ध्यान आकर्षित करते हैं, वहीं दूसरी ओर अथाह धन संपदा एवं ऐश्वर्य से युक्त जीवन जीने वाले कुछ लोगों को सामाजिक उत्थान हेतु आगे आने के लिए संबोधित करते हैं। स्वामी विवेकानंद भारत की आध्यात्मिक संस्कृति जो भौतिक मूल्यों के कारण उत्पन्न चुनौतियों का सामना कर रही है – को संबल देने हेतु आगे आने के लिए युवा वर्ग का दिशा निर्देशन करते हैं।

इस पुस्तक में सरल शब्दों में भारतीय आध्यात्मिक संपदा को वर्तमान बौद्धिक एवं वैज्ञानिक विचार जगत में स्थापित करने का प्रयास किया गया है। यह पुस्तक Complete Works of Swami Vivekananda 9 volume के सारे रूप में 2013 – 14 में प्रस्तुत की गई थी।

पुस्तक मूलतः ग्राम में जीवन की महिमा का उल्लेख करते हुए भारत के भविष्य के निर्माण में युवा वर्ग को जागृत करके भारत भूमि की आधारभूत संस्कृति को जीने के लिए प्रेरित करती है। साथ ही युवाओं के मन मस्तिष्क में अपनी संस्कृति और अध्यात्म से प्रेम को जीवन में उतारने हेतु साहसी एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऊर्जा प्रदान करती है।

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