पूर्वोत्तर के राज्यों में 6 दिन से उग्र प्रदर्शन जारी है

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नागरिकता कानून के विरोध में पूर्वोत्तर के राज्यों में 6 दिन से उग्र प्रदर्शन जारी है। असम में शनिवार को कर्फ्यू में सुबह 9 बजे से 4 बजे तक ढील दी गई। हालांकि, इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। वहीं, ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) ने 3 दिन के लिए सत्याग्रह का ऐलान किया। नगा स्टूडेंड्स फेडरेशन (एनएसएफ) ने शनिवार को 6 घंटे के लिए बंद बुलाया है। असम में हजारों मुस्लिमों ने नागरिकता कानून के विरोध में शुक्रवार को रैली निकाली। वहीं, दिल्ली पुलिस ने जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के 42 छात्रों को हिरासत में लिया।

पूर्वोत्तर में जारी विरोध के चलते अमेरिका, ब्रिटेन और इजराइल ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। अमेरिकी एडवाइजरी में कहा गया है कि उसने अस्थाई तौर पर असम की आधिकारिक यात्रा भी स्थगित कर दी है।

रेलवे ने यात्रियों के लिए चलाई स्पेशल ट्रेन

गुवाहाटी में फंसे पर्यटकों और यात्रियों के लिए रेलवे ने स्पेशल ट्रेनें चलाई हैं। यह गाड़ियां यात्रियों को राज्य के अन्य सुरक्षित स्टेशनों तक पहुंचाएंगी, जहां से वह अपने घर के लिए जा सकेंगे। उत्तर-पूर्वी सीमांत रेलवे के जनसम्पर्क अधिकारी ने यह जानकारी दी। शुक्रवार को भी फुर्कटिंग और डिब्रूगढ़ के बीच स्पेशल ट्रेन चलाई गई थी।

इंटरनेशनल इवेंट्स पर भी विरोध का असर

पूर्वोत्तर के राज्यों में जारी उग्र विरोध के चलते जापान के पीएम शिंजो आबे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 15-16 दिसंबर को गुवाहाटी में होने वाली मुलाकात टाल दी गई है। बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमिन, गृह मंत्री असदुज्जामन खान ने भी भारत दौरा रद्द कर दिया है।

5 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कहा- कानून लागू नहीं होने देंगे
गृह मंत्री अमित शाह का शिलॉन्ग दौरा भी रद्द कर दिया गया है। उन्हें रविवार को यहां एक कार्यक्रम में शामिल होना था। पश्चिम बंगाल, पंजाब, केरल, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्रियों ने कहा है कि वे अपने राज्य में नागरिकता कानून को लागू नहीं करेंगे। इस पर केंद्र के एक अधिकारी ने न्यूज एजेंसी से कहा कि केंद्रीय कानून को लागू करने से राज्य इनकार नहीं कर सकते।

छात्र संगठन और तृणमूल कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए
भाजपा दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, कोलकाता, गुवाहाटी और लखनऊ में 14-18 दिसंबर के बीच नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जागरूकता अभियान चलाएगी। उधर, आंदोलन की अगुवाई कर रहे छात्र संगठन ऑल असम स्टूडेंट यूनियन ने कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। संगठन के मुख्य सलाहकार समुज्जल भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा सरकार ने असम के लोगों के साथ धोखा किया। तृणमूल सांसद महुआ मित्रा ने सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता कानून को चुनौती दी है।

त्रिपुरा-मेघालय में इंटरनेट सेवाएं अभी भी बंद
त्रिपुरा के ज्यादातर हिस्सों में हालात सुधरते दिखाई दे रहे हैं, लेकिन शुक्रवार को नवगठित गैर आदिवासी संघ बंगाली ओइकया मंच ने 48 घंटे का बंद का ऐलान किया है। यहां तीसरे दिन भी टेलीफोन और इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई गई है। मेघालय में भी मोबाइल और इंटरनेट सर्विस पर रोक जारी है। शिलॉन्ग में अभी भी हालात तनावपूर्ण हैं।

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