अजा वर्ग के लिए पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना में 5 गुणा से अधिक की वृद्धि
जयपुर। केन्द्र सरकार ने अनुसूचित जाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिये पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति योजना में केंद्र सरकार के भाग को बढ़ाकर 60 प्रतिशत कर दिया है। शेष 40 प्रतिशत का सहयोग राज्य करेंगे।
59 हजार 48 करोड़ की कुल अनुमोदित राशि में से अब केंद्र सरकार द्वारा अगले 5 वर्षों में 35 हजार 534 करोड़ खर्च किये जायेंगे। पिछले 3 सत्रों में यह राशि प्रति वर्ष 1100 करोड़ थी। जो अब सत्र 2020-21 से 2025-26 तक प्रतिवर्ष के लिए 6 हजार करोड़ रुपए हो गई है। केंद्र सरकार के हिस्से में यह 5 गुणा से अधिक की वृद्धि है।
इस स्कॉलरशिप योजना का लाभ लगभग 4 करोड़ विद्यार्थी ले पायेंगे। यह राशि डीबीटी के अंतर्गत सीधे विद्यार्थी के बैंक खाते में जमा होगी। इस योजना में भी 1.36 करोड़ बेहद गरीब छात्रों को भी जोड़े जाने का प्रावधान किया गया है।एकीकृत जिला सूचना प्रणाली के सर्वेक्षण 2017-18 के आंकड़ों के अनुसार माध्यमिक विद्यालय स्तर पर अनुसूचित जाति के छात्रों की ड्रॉप आउट वार्षिक औसत दर 21.8 प्रतिशत है। पीएमएस-एससी योजना से अनुसूचित जाति वर्ग के बच्चों में 10वीं कक्षा के बाद ड्रॉप आउट रेट में कमी आयेगी। और कमजोर वर्ग से आने वाले छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त कर पायेंगे।