परित्यक्त और निराश्रित बच्चों का सहारा मातृछाया

परित्यक्त और निराश्रित बच्चों का सहारा मातृछाया

परित्यक्त और निराश्रित बच्चों का सहारा मातृछायापरित्यक्त और निराश्रित बच्चों का सहारा मातृछाया

नई दिल्ली, 21 फरवरी। दिल्ली के मियांवाली नगर स्थित छोड़े गए बच्चों की देखभाल करने वाली संस्था मातृछाया में रविवार को एक छः माह की बच्ची एक दम्पति द्वारा गोद ली गई। परित्यक्त और निराश्रित बच्चों की देखभाल के उद्देश्य से संचालित  मातृछाया सेवा भारती दिल्ली प्रांत का एक प्रकल्प है। इस प्रकल्प के अंतर्गत सेवा भारती परित्यक्त शिशुओं को घर उपलब्ध करवाती है।

मातृछाया 2002 से संचालित है। यह कई शिशुओं का घर है, जिन्हें अस्पतालों, पुलिस स्टेशनों और दूसरे कई स्थानों पर छोड़ दिया गया था। इन शिशुओं का पालन पोषण मातृछाया द्वारा किया जाता है। मातृछाया निसंतान दम्पत्तियों को उचित कानूनी प्रक्रियाओं के माध्यम से शिशुओं को गोद लेने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

2002 में इसकी स्थापना के बाद से, 353 परित्यक्त शिशुओं को परिवारों द्वारा गोद लिया गया है। मातृछाया ने निराश्रित शिशुओं के पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। सेवा भारती ने अपने माता-पिता से बिछड़े लापता बच्चों के माता-पिता को खोजने और उन्हें वापस लाने में भी सहायता की है। सेवा भारती की स्वयं से पहले सेवा और कल्याण की भावना के कारण अब तक 52 बच्चों को उनके परिवारों से मिलवाया गया है। सेवा भारती अलग-अलग अनाथालयों में परित्यक्त बच्चों के पुनर्वास में भी सहायता करती है। 30 बच्चों को 6 साल से कम उम्र के प्रतिबंध एवं अन्य चिकित्सा और स्वास्थ्य मुद्दों के कारण मातृछाया से अन्य अनाथालयों में स्थानांतरित किया गया है।

मातृछाया समाज द्वारा दिए गए दान से संचालित होती है। दान पैसे के साथ-साथ दैनिक वस्तुओं जैसे कपड़ों, स्वास्थ्य आपूर्ति, पुस्तकों आदि के रूप में स्वीकार किया जाता है। गोद दिए जाने के बाद भी बच्चे अपना जन्मदिन और खुशियां मनाने मातृछाया आते हैं। सेवा भारती का बेहतर जीवन प्रदान करने का संकल्प कई बच्चों और जोड़ों के लिए समान रूप से फलदायी रहा है। मातृछाया परिसर आसपास के निराश्रित बच्चों के लिए एक छोटे से शिक्षा केंद्र “शिशु वाटिका” के रूप में भी काम करता है। यहॉं बच्चों को शिक्षा प्रदान की जाती है, जो अच्छे सांस्कृतिक मूल्यों और सेवा व कल्याण की भावना पैदा करने पर केंद्रित है।

गोद लेने की ऐसी ही एक रस्म में रविवार को हिमाचल प्रदेश के एक दंपति ने 6 महीने के बच्चे को अपनाया। दत्तक ग्रहण समारोह में अनेक गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए।

Print Friendly, PDF & Email
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *