महामारी में भी संक्रमण फैलाने व मतांतरण में जुटे हैं चर्च व जिहादी: विहिप
नई दिल्ली, 10 मई। एक ओर जहां सम्पूर्ण विश्व कोरोना महामारी से जूझ रहा है तथा हिन्दू मठ-मंदिर, गुरुद्वारे, आश्रम व भारतीय समाज पीड़ितों के दुख दूर करने हेतु विविध प्रकार के सेवा कार्यों में संलग्न है, वहीं चर्च व इस्लामिक जिहादी अपने भारत विरोधी-हिन्दू द्रोही आक्रमणों को दिनों दिन बढ़ाते जा रहे हैं। विश्व हिन्दू परिषद के केन्द्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन ने आज कहा कि मानवता के इस गंभीर संकट काल में भी चर्च व जिहादी तत्व सुनियोजित तरीके से अपने अमानवीय एजेंडे को लागू करने में लगे हैं। कुछ लोग भारत को ‘दारुल इस्लाम’ व ‘गजवा-ए-हिन्द’ तो वहीं कुछ लोग इसे ‘लैंड ऑफ क्राइस्ट’, किंगडम ऑफ क्राइस्ट’ व साम्राज्यवादी विस्तार की रण-भूमि बनाने में जुटे हैं। एक ओर जहां इस्लामिक जिहादी शाहीनबाग, शिव विहार, सीलमपुर, मेरठ, इंदौर, उज्जैन, बारां व जयपुर जैसे हमले करने तथा जगह-जगह हिंदुओं के घरों में घुसकर रिंकू शर्मा जैसी नृशंस हत्याओं में लिप्त हैं, वहीं चर्च सेवा का लबादा ओढ़कर धर्मांतरण के नंगे नाच में जुटा है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि इस गंभीर संक्रमण काल में वे अपनी इस मानसिकता से बाज आएं।
विश्व हिन्दू परिषद के अधिकृत फ़ेसबुक पेज से अपने लाइव सम्बोधन में डॉ. जैन ने कहा कि हमारे अधिकांश मठ-मंदिर, आश्रम, गुरुद्वारे, जैन-स्थानक, सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक, व व्यापारिक संगठन, आरडब्लूए, संघ, विहिप, बजरंग दल व दुर्गा-वाहिनी इत्यादि अपने पूरे मनोयोग से कोरोना योद्धाओं की तरह महामारी से युद्ध लड़ते हुए अपने जीवन को जोखिम में डाल, दवाई, आक्सीजन, अस्पताल, चिकित्सकीय परामर्श, भोजन के पैकेट, सम्मानजनक अंतिम संस्कार तथा पीड़ितों के परिजनों की सहायता में जुटे हैं। किन्तु, ऐसी परिस्थितियों में भी जिहादी ना सिर्फ कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ा कर लोगों के जीवन को संकट में डाल रहे हैं अपितु ‘गजवा-ए-हिन्द’ के काल्पनिक स्वप्न को साकार करने के लिए लगातार सामूहिक रूप से संगठित हिंसा, हत्या, जिहाद व आगजनी में लगे हैं।
बंगाल में तो मुस्लिम तुष्टीकरण में डूबी टीएमसी के गुंडे भी जिहादियों के सहयोगी बने हैं। बंगाल के कुछ हिन्दू असम की ओर पलायन को मजबूर हैं। जबकि, बंग्लादेशी घुसपैठिए व रोहिंग्या मुसलमानों का स्वागत किया जा रहा है। ये कौन सी मानसिकता है? उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि इससे पहले कि हिन्दू समाज को आत्मरक्षा के लिए खड़ा होना पड़े, सरकार हिंदुओं की सुरक्षा हेतु कठोरतम कार्यवाही करे। स्मरण रहे कि हिन्दू समाज सहिष्णु तो है किन्तु भीरू कदापि नहीं। हम उसे न्याय दिला कर रहेंगे।
डॉ. जैन ने कहा कि चर्च के पदाधिकारियों ने तो अपने कुकर्मों को स्वयं स्वीकारते हुए कहा है कि हमने इस कोरोना काल में एक लाख से अधिक हिंदुओं को ईसाई बनाया है तथा भारत के 50 हजार से अधिक गांवों में इस दौरान अपनी पकड़ मजबूत की है। एक-एक चर्च द्वारा दस-दस गांवों को गोद लेकर हम शीघ्र ही ‘किंगडम ऑफ गॉड’ बनाने वाले हैं। कोरोना के इस एक साल में जितनी चर्च बनी हैं उतनी गत 25 वर्षों में भी नहीं बनीं। विहिप का संकल्प उनके इन छल-कपट भरे राष्ट्र-विरोधी सपनों को कभी पूरा नहीं होने देगा।