मदरसा संचालक ने नाबालिग को बनाया हवस का शिकार

राजस्थान में बढते महिला उत्पीड़न पर सेक्युलरों की चुप्पी

राघवेन्द्र सिंह

उत्तरप्रदेश में दुष्कर्म व महिला उत्पीडन को लेकर बवाल मचा हुआ है, एक पार्टी के नेता सरकार को कोसने में कोई कोर-कसर नहीं छोड रहे हैं, राज्य के मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगकर राजनैतिक रोटियां सेक रहे हैं, लेकिन राजस्थान में पिछले दिनों में हुए दुष्कर्म व महिला उत्पीडन के कई बडे मामलों में उस राष्ट्रीय पार्टी नेताओं को मानों सांप सूंघ गया हो, दिन-रात सरकार को कोसने वालों की जबान पर ताले लटके हुए हैं। जबकि एक मामला तो ऐसा सामने आया हैं जिसमें नाबालिग से दुष्कर्म के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई। एक दुष्कर्म पीडिता ने पुलिस थाने के सामने आत्मदाह कर लिया, एक महिला को थाने में पुलिस द्वारा बेरहमी से टाॅर्चर किया गया। उन नेताओं का नहीं बोलना लाजिमी भी था, क्यांेकि राजस्थान में उनके चहेते मुख्यमंत्री का शासन जो है और सरकार के दबाव में स्थानीय मीडिया की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।

जब देश में हैदराबाद व उन्नाव में हुए दुष्कर्म के प्रकरणों की गूंज सुनाई दे रही थी, उसी दौरान ही टोंक जिले में अलीगढ में 6 वर्षीय मासूम नाबालिग से दुष्कर्म के बाद उसकी गला घोटकर बेरहमी से हत्या कर दी गई, लेकिन उस राष्ट्रीय पार्टी के नेताओं की जबान पर ताला लटका रहा। हालांकि उत्तरप्रदेश में उनके द्वारा किया जा रहा बवंडर और यहां उनकी चुप्पी लोगों को साफ तौर पर समझ आ रही थी। अलीगढ़ में नाबालिग को दरिंदगी का शिकार बनाया जाना राजस्थान की चरमराई कानून व्यवस्था की गवाही दे रही है।

फैक्ट फ़ाइल

महिला उत्पीडन के 2018 में 9834 व 2019 में 16178
दुष्कर्म के 2018 में 3777 व 2019 में 5194
छेडछाड के 2018 में 4577 व 2019 में 7728
अपहरण के 2018 में 3750 व 2019 में 5190

(स्त्रोत: राजस्थान पुलिस वेबसाइट)

 

ताजा मामला राजधानी जयपुर के आमेर थाना क्षेत्र में मदरसा संचालक द्वारा नाबालिग से दुष्कर्म का बडा मामला उजागर हुआ है। इसे मामले को दबाने के लिए कथित सेक्युलर नेताओं ने फिर से चुप्पी साध ली है। दरअसल, मोहम्मद याहया इस्लामिक मदरसे का संचालक है जो समाज को कथित तौर पर ईमान, अमन व मोहब्बत की तालीम देता था। लेकिन मोहम्मद याहया की वास्तविक हकीकत क्या थी, इसे सिर्फ वही जानता था। जब तक लोग मोहम्मद याहया की काली करतूतों के बारे में जान पाते, तब तक वह नाबालिग बच्ची को मदरसा संचालक मोहम्मद याहया अपनी हवस का शिकार बन चुका था। मोहम्मद याहया मदरसा चलाने की आड़ में मासूम बच्चियों को निशाने पर रखता था ताकि उनके साथ दुष्कर्म कर सके।

पीड़िता द्वारा आमेर थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर के अनुसार, वह मदरसे में काम करती है, जहां पश्चिम बंगाल के सलीमपुर निवासी मदरसे का संचालक मोहम्मद याहया देर रात उसके कमरे में आया और उसके साथ दुष्कर्म किया। आमेर पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को पोक्सो एक्ट में गिरफ्तार कर लिया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पीड़िता गत डेढ़ साल से मदरसे में ही काम करती थी। हवस की भूख में मानवता को बेरहमी से कुचलने वाला यह मामला उजागर होने के बाद पीड़िता की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी को पोक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया है।

अलीगढ़ में छह साल की मासूम बच्ची के साथ हुई निंदनीय घटना का गुस्सा अभी शांत भी नहीं हुआ था कि आमेर इलाके में इसी तरह की एक और वारदात को अंजाम दिया गया है। इस घटना ने एक बार फिर महिला सुरक्षा अधिनियम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक के बाद एक सामने आ रही इन खबरों ने राजस्थान की कानून व्यवस्था और महिला सुरक्षा के दावों की पोल खोल दी है।

राजस्थान में दुष्कर्म व महिला उत्पीडन के बडे मामले

– 1 दिसम्बर को टोंक में 6 वर्षीय नाबालिग से दुष्कर्म के बाद हत्या
– 29 जुलाई को जयपुर में दुष्कर्म पीडिता ने पुलिस थाने के सामने आत्मदाह किया
– 3 जुलाई को जयपुर के शास्त्री नगर में मासूम के साथ दुष्कर्म
– 14 जुलाई को चुरू में पुलिस द्वारा महिला से गैंगरेप व मारपीट
– 12 जून को धौलपुर के बसेडी में नाबालिग के साथ दुष्कर्म
– 26 अप्रैल को अलवर के थानागाजी में महिला से सामूहिक दुष्कर्म
– 18 मई को धौलपुर में 8 साल की नाबालिग के साथ दुष्कर्म

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