राजस्थान में गोकशी और बीफ मंडी का भंडाफोड़, 600 गायें कटती थीं प्रतिदिन

राजस्थान में गोकशी और बीफ मंडी का भंडाफोड़, 600 गायें कटती थीं प्रतिदिन

राजस्थान में गोकशी और बीफ मंडी का भंडाफोड़, 600 गायें कटती थीं प्रतिदिनराजस्थान में गोकशी और बीफ मंडी का भंडाफोड़, 600 गायें कटती थीं प्रतिदिन

अलवर। राजस्थान के मेवात क्षेत्र में लव जिहाद के बाद गोकशी और गोतस्करी एक बड़ी समस्या बन कर उभरी है। अलवर जिले में किशनगढ़बास के रुंध गिदावड़ा में गोकशी और बीफ मंडी का खुलासा हुआ है। प्रशासन की नाक के नीचे तस्करों ने गोकशी करने के लिए सरकारी जमीन पर कब्जा कर बिजली से लेकर ट्यूबवेल तक के अवैध कनेक्शन ले लिए थे। तस्कर बीफ की होम डिलीवरी तक करते थे। सरकार ने इस मामले में गंभीर लापरवाही बरतने के आरोप में किशनगढ़बास के पूरे थाने को लाइन हाजिर किया है। इस मामले में 22 नामजद आरोपियों को गिरफ्तार किया है। 30 से अधिक लोगों पर गोकशी में शामिल होने, बीफ की होम डिलीवरी और वातावरण खराब करने का आरोप है।

राजस्थान पुलिस पूरे नेटवर्क तक पहुंचने के लिए हरियाणा पुलिस की भी सहायता लेगी। पकड़े गए कई आरोपी अन्य मामलों में भी कई वर्षों से फरार चल रहे थे। इसमें से एक आरोपी पर दो वर्षों से 2 हजार रुपए का इनाम घोषित किया हुआ था। इधर इस मामले में पटवारी और कानूनगो को एपीओ किया गया है। मामले की जांच एडीएम से करवाई जा रही है।

प्रशासन की नाक के नीचे खेल

किशनगढ़ के रूंद गिदावड़ के जंगलों में गोकशी की मंडी चलाने के लिए जो सुविधाएं चाहिए, वे जंगल में ही मुहैया करवा दी गईं। प्रशासन की नाक के नीचे यह सब खेल होता रहा। वन विभाग की 80 बीघा जमीन पर गोतस्कर खेती करते थे। तस्करों ने 12 अवैध ठिकाने बनाए हुए थे। इन ठिकानों में ही बिजली के कनेक्शन दिए गए। खेती के लिए ट्यूबवेल के कनेक्शन दिए गए। ट्रांसफॉर्मर तक की सुविधा गोतस्करों को दी हुई थी।

अब चला बुलडोजर, होने लगी कार्रवाई

प्रशासन की कार्रवाई में 12 घरों को नष्ट किया गया है। छह अवैध ट्यूबवेल कनेक्शन हटाए गए हैं। यहां तक की दो अवैध ट्रांसफॉर्मरों को भी जब्त किया गया है। प्रशासन ने यहां अवैध रूप से निर्मित कच्चे-पक्के घरों पर बुलडोजर चलाकर नष्ट कर दिया है। वहीं 80 बीघा जमीन पर बोई गई फसल को नष्ट किया गया है। बिजली के अवैध कनेक्शन व ट्रांसफॉर्मर हटाए गए हैं। बिजली निगम ने अवैध बिजली कनेक्शन लेने वाले मन्नान खान के विरुद्ध 87,709 रुपए का जुर्माना लगाया है।

अब प्रश्न यह उठता है कि गोतस्करों ने इतनी सुविधाएं जुटा लीं, लेकिन किसी को गोकशी की भनक तक नहीं लगी। अब जबकि मामले ने तूल पकड़ लिया है तो राजस्थान पुलिस की निद्रा टूटी है। अब वो तस्करों का पता लगाने और नेटवर्क को खंगालने के लिए हरियाणा पुलिस की भी सहायता लेगी। यह सतर्कता शुरुआत से ही क्यों नहीं रहती? क्यों प्रशासन देरी से जागता है? ये प्रश्न तब तक सुलगते रहेंगे जब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जाती। इस पूरे मामले के बाद अवैध बिजली कनेक्शन को लेकर निगम ने एईएन को एपीओ कर दिया है। कनेक्शन किसे दिया जा रहा है, यह जांचने का विषय था। लेकिन जेब गरम होने के बाद सब चलता है? 

गोमांस की होम डिलीवरी के बनाए गए थे कच्चे रास्ते

गोमांस की होम डिलीवरी के लिए तस्करों ने अरावली में कच्चे रास्ते बनाए हुए थे। इन रास्तों के माध्यम से ही गो मांस सप्लाई किया जाता था। गोमांस की कीमत 250 रुपए किलो तक होती है। सिर्फ अपने विश्वास के लोगों को ही गोमांस बेचा जाता था। इसके लिए एक पूरी चेन बनी हुई थी।

इतना वीरान क्षेत्र, पुलिस भी जाने से घबराई

मामले के खुलासे के बाद पुलिस की दो कंपनियों और 60 जवानों ने सर्च अभियान चलाया था। जंगल इतना वीरान है कि पुलिसकर्मी भी अकेले जाने से डर रहे थे। पुलिस को शक है कि सिर्फ गोमांस ही नहीं नशे की तस्करी भी ये लोग करते हैं। उसी नेटवर्क का प्रयोग गोमांस बेचने के लिए किया जाता है। पुलिस गोकशी करने वाले मुख्य सरगना की तलाश कर रही है। इनके तार सफेदपोशों से भी जुड़े होने का दावा किया जा रहा है।

किशनगढ़ बास ही नहीं बल्कि यहॉं के सभी थाने शक के दायरे में

अभी तो गोतस्करी के सिर्फ एक अड्डे का भंडाफोड़ हुआ है, लेकिन स्थानीय जानकारों का कहना है कि ऐसे कई ठिकाने तस्करों ने बनाए हैं जहां गोकशी की जाती थी। इसमें किशनगढ़ बास थाने की भूमिका तो सामने आई ही है अब पुलिस अधिकारियों की रडार पर बाकी थाने भी हैं। फिलहाल पुलिस की बड़ी कार्रवाई से गोतस्कर भूमिगत हो गए हैं।

जिला कलक्टर डॉ. अर्तिका शुक्ला ने गोकशी के मामले में एडीएम के निर्देशन में उच्च स्तरीय जांच कर संबंधित विभागों को सम्मिलित करते हुए तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी है। तहसीलदार व पटवारी से राजस्व विभाग की जमीन की जानकारी प्राप्त कर अतिक्रमण ध्वस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने बिजली विभाग के एसई से दिए गए बिजली कनेक्शन की जानकारी मांगी। पुलिस ने गोवंश की तलाश में ड्रोन कैमरे से सर्वे कराया।

पुलिस ने बताया कि कय्यूम पुत्र अहमद निवासी मिर्जापुर, मन्नान पुत्र अयूब निवासी बृसंगपुर, इब्राहिम पुत्र कल्लू, साहुन पुत्र जोरमल, खालिद पुत्र चावखां, हब्बी पुत्र फजरू व हारून पुत्र कल्लू निवासी बृसंगपुर, सलीम पुत्र आसूदीन निवासी मिर्जापुर एवं सलीम पुत्र अयूब निवासी बृसंगपुर, रती खान पुत्र कल्लू, मौसम पुत्र जोरमल, कासम पुत्र फजरू व असलम पुत्र खुर्शीद को गिरफ्तार किया है। गोकशी के मामले में पुलिस ने धारा 3, 4, 5, 8 व 9 आरबीए में एफआईआर दर्ज की। एफआईआर में 22 आरोपियों को नामजद किया गया है। गिरफ्तार आरोपी रत्ती खान निवासी नयाबास बिरसंगपुर के विरुद्ध किशनगढ़बास थाने में आरबीए व एक्साइज के दो प्रकरण दर्ज है। वहीं, आरोपी मौसम निवासी बिरसंगपुर के खिलाफ मारपीट आदि का एक मामला दर्ज है। आरोपी आलिम के विरुद्ध आरबीए एक्ट में एक, आर्म्स एक्ट में एक, बहरोड़ थाने में आरबीए एक्ट में एक तथा हरसोरा थाने में आरबीए एक्ट में एक प्रकरण दर्ज है। वहीं आरोपी असलम के खिलाफ किशनगढ़बास थाने में आरबीए एक्ट में एक मामला दर्ज है।

दिखानी होगी प्रशासन को सख्ती

इस घटना की विश्व हिन्दू परिषद ने घोर निंदा की। साथ ही प्रशासन से इस संबंध में कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी की थी। विश्व हिन्दू परिषद अलवर के जिला अध्यक्ष, दिलीप मोदी ने बताया कि, इस संबंध में एसपी को ज्ञापन दे दिया हैं। प्रशासन की ओर से मुख्य आरोपियों समेत अन्य की भी गिरफ्तारी हो चुकी हैं। हालांकि कुछ आरोपी गांव छोड़कर भाग गए हैं। जिनकी तलाश की जा रही हैं। हम प्रशासन से सख्त कार्रवाई चाहते थे। अभी प्रशासन इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं और कार्रवाई कर भी रहा हैं। दिलीप ने आगे बताया कि, ”क्षेत्र के गोपालकों को भी इस बात के लिए पाबंद कर दिया है कि वे गायों को खुले में नहीं छोड़ेंगे। साथ ही पुलिस प्रशासन ने संबंधित क्षेत्र में चौकियां बनाने के लिए भी कहा है।” भविष्य में ऐसा न हो इसके लिए प्रशासन को सख्ती ही दिखानी होगी।

Print Friendly, PDF & Email
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *