राष्ट्रहित के मुद्दों पर एकजुट हो हिन्दू समाज : डॉ. शैलेन्द्र

राष्ट्रहित के मुद्दों पर एकजुट हो हिन्दू समाज : डॉ. शैलेन्द्र

राष्ट्रहित के मुद्दों पर एकजुट हो हिन्दू समाज : डॉ. शैलेन्द्रराष्ट्रहित के मुद्दों पर एकजुट हो हिन्दू समाज : डॉ. शैलेन्द्र

  • RSS का 15 दिवसीय प्रांतीय घोष प्रशिक्षण वर्ग संपन्न

दौसा, 2 जून। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जयपुर प्रान्त का 15 दिवसीय घोष प्रशिक्षण वर्ग बुधवार को शहर के गेटोलाव रोड स्थित माध्यमिक आदर्श विद्या मंदिर में संपन्न हुआ। समापन समारोह को संबोधित करते हुए संघ के प्रांत प्रचारक डॉ. शैलेंद्र ने कहा, समाज में सब जगह अच्छे लोगों की आवश्यकता है, लेकिन इसके लिए कोई फैक्ट्री तो है नहीं, ऐसे में प्राचीनकाल में गुरुकुल थे तथा वर्तमान समय में संघ में स्वयंसेवकों को सामूहिक प्रशिक्षण दिया जाता है। संघ से संस्कार लेकर आज अनेकों स्वयंसेवक समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं।

उन्होंने कहा 1925 में संघ की स्थापना से लेकर पूरे देश समेत विदेशों में भी संघ कार्य का विस्तार हुआ है। कोरोना के दौरान स्वयंसेवकों ने विभिन्न माध्यमों से सेवा के कार्य किए हैं। पलायन करने वाले मजदूर वर्ग के लिए रास्ते में भोजन, पानी समेत चिकित्सा सुविधाओं के भी बंदोबस्त किए। प्रांत प्रचारक ने कहा कि अयोध्या में भगवान श्रीराम के मंदिर निर्माण के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग ने बढ़-चढ़कर सहयोग दिया। ऐसे में हमारे जीवन का यह सौभाग्य है कि हमारी आंखों के सामने अयोध्या में भव्य राम मंदिर बनने जा रहा है। यह सब समाज जागरण से ही संभव हो सका है। इसलिए हम सबको राष्ट्र हित के विषयों को लेकर एकजुटता के साथ काम करना चाहिए। पलायन के मुद्दे पर उन्होंने कहा आज भारत के 9 राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं, ऐसे में विपत्तियों का डटकर सामना करना होगा।

संगीत वादन देखकर मन गदगद हो गया
कार्यक्रम में श्रीराम मंदिर के महामंडलेश्वर संत अमरदास महाराज ने कहा कि संगीत हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। मेरा मानना है कि इसके बिना जीवन अधूरा है। आज यहां बच्चों का संगीत वादन देखकर मन गदगद हो गया। आज स्कूल तो बहुत हैं, लेकिन वहां संस्कार नहीं दिए जा रहे। संघ में स्वयंसेवकों को संस्कार के साथ राष्ट्र भावना का प्रशिक्षण दिया जाता है।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि संगीतज्ञ घनश्याम सैनी ने कहा कि 15 दिनों के प्रशिक्षण में यहां स्वयंसेवकों को संगीत में निपुण बनाया गया है, ऐसा प्रशिक्षण आधुनिक शिक्षा के साथ बहुत आवश्यक हो गया है। उन्होंने कहा पश्चिम का दुष्प्रभाव हमारी संस्कृति पर भी पड़ा है, लेकिन हमें घोष वादन से भारतीय संगीत को आगे बढ़ाना होगा।

भीषण गर्मी में 15 दिन लिया प्रशिक्षण
वर्ग कार्यवाह सुरेशचंद ने शिविर का प्रतिवेदन रखते हुए बताया कि 18 मई को शुरू हुए प्रांतीय घोष प्रशिक्षण वर्ग में जयपुर प्रान्त के 50 स्थानों से 216 शिक्षार्थी स्वयंसेवक शामिल हुए, जिन्हें 20 शिक्षकों ने प्रशिक्षण दिया। शिविर में स्वरद, आनक, शंख, वंशी का प्रशिक्षण दिया गया। भीषण गर्मी के मौसम में स्वयंसेवकों ने कठोर दिनचर्या की पालना करते हुए प्रशिक्षण लिया। समापन कार्यक्रम में संघ के विभाग सह संघचालक प्यारेलाल मीना, जिला संघचालक भगवानसहाय सैनी समेत शहर से बड़ी संख्या में समाज के प्रबुद्ध लोग समापन कार्यक्रम को देखने के लिए पहुंचे।

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