लम्पी वायरस का कहर : गोमाता के लिए प्रदेश में 12 सितंबर को आंदोलन की चेतावनी

लम्पी वायरस का कहर : गोमाता के लिए प्रदेश में 12 सितंबर को आंदोलन की चेतावनी

लम्पी वायरस का कहर : गोमाता के लिए प्रदेश में 12 सितंबर को आंदोलन की चेतावनीलम्पी वायरस का कहर : गोमाता के लिए प्रदेश में 12 सितंबर को आंदोलन की चेतावनी

जयपुर 10 सितंबर। जनसंख्या समाधान फाउंडेशन के प्रदेश अध्यक्ष नारायण राम चौधरी ने आज नेहरू सहकार मार्ग स्थित सेवा सदन में लम्पी वायरस के संक्रमण से हो रही गायों की मौत को लेकर प्रेस वार्ता की। उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज राजस्थान प्रदेश में लम्पी बीमारी ने भयंकर रूप ले लिया है, लाखों गोवंश इस बीमारी से पीड़ित हैं एवं लाखों गोवंश काल के मुंह में समा गए हैं। अकेले बीकानेर जिले में 50 हजार से अधिक गोवंश मरने की सूचना है। लम्पी वायरस के संक्रमण से गोमाता तड़प तड़प कर मर रही हैं। सरकार संवेदनहीन हो गई है। वह गहरी नींद में सो रही है और गायों को बचाने में असफल रही है। अगर सरकार गायों को नहीं बचा सकती तो नैतिकता के आधार पर उसे त्यागपत्र दे देना चाहिए। गायों को बचाने के लिए हमारी 9 मांगें हैं, जिन पर सरकार को तुरंत ध्यान देकर कार्यवाही करनी चाहिए।

ये हैं मांगें-
1. लम्पी बीमारी को पशु आपदा घोषित किया जाए एवं अधिक से अधिक डॉक्टर तथा कर्मचारियों को इस बीमारी की रोकथाम के लिए लगाया जाए
2. लम्पी बीमारी की समुचित जांच की जाए एवं फैलने के कारण उजागर किए जाएं।
3. स्वामीहीन गोधन को पकड़ कर अलग स्थान पर रखा जाए।
4. गोशालाओं की समुचित जांच हो। स्वस्थ एवं बीमार गायों को अलग रखा जाए।
5 मृत गायों का समुचित निष्पादन किया जाए ताकि कोई बीमारी ना फैले।
6. राजस्थान में अधिकांश घरों में आजीविका का जरिया गाय ही है। जिन पशुपालकों की गायों की मौत हो गई है उन  को प्रति गाय 50 हजार रुपए मुआवजा दिया जाए।
7. जिन पशु पालकों एवं किसानों की गायों की मौत हो गई है उन पशु पालकों के लोन माफ किये जाएं।
8. इस बीमारी की रोकथाम के लिए जनता में सरकारी स्तर पर व्यापक प्रचार-प्रसार हो ताकि लोग इसको समझ सकें।
9. किसानों को इस बीमारी से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाए ताकि वे अपने स्तर पर इस बीमारी को फैलने से रोकने के समुचित प्रयास कर सकें। सरकार हमारा किसी रूप में सहयोग लेना चाहती है तो पशुपालन/ गोपालन विभाग हमें वह भी बताए।

Print Friendly, PDF & Email
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *