वेब सीरीज़ तांडव के क्रू और कास्ट ने बिना शर्त माफ़ी मांगी
सैफ अली खान, डिंपल कपाड़िया, तिग्मांशु धूलिया, डीनो मोरिया, गौहर खान, जीशान अयूब और सुनील ग्रोवर अभिनीत अमेजन प्राइम की वेब सीरीज शुरू से विवादों में है। इसके कई दृश्य हिन्दू आस्थाओं व सामाजिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले हैं।
वेब सीरीज के ऐसे ही दृश्यों को लेकर लखनऊ के थाना हजरतगंज में एक पुलिस इंस्पेक्टर की ओर से अमेजन प्राइम की इंडिया हेड अपर्णा पुरोहित, वेब सीरीज तांडव के निर्देशक अली अब्बास, प्रोड्यूसर हिमांशु कृष्ण मेहर और लेखक गौरव सोलंकी के विरुद्ध धारा 153A, 295, 505 (1)(b), 505(2), 469, 66, 66f, 67 के अंतर्गत एफआईआर दर्ज करवाई गई है। जिसके आधार पर यूपी सीएम के सूचना सलाहकार शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि मेकर्स और कास्ट को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस मुंबई के लिए रवाना हो चुकी है, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले लोगों की इसकी कीमत तो चुकानी पड़ेगी।
इसके बाद लोगों के विरोध, बढ़ते विवाद व एफआईआर के चलते अब वेब सीरीज के क्रू व कास्ट ने बिना शर्त माफी मांग ली है। सीरीज के निर्देशक अली अब्बास जफर ने इससे जुड़ा अपना बयान ट्वीट किया है। जिसमें लिखा है कि उनका उद्देश्य किसी की भावनाओं और आस्थाओं को ठेस पहुंचाने का नहीं था। तांडव वेब सीरीज़ कल्पनाओं पर आधारित है यदि इसकी किसी व्यक्ति या घटना से समानता होती है तो यह मात्र एक संयोग है।
किन दृश्यों पर है आपत्ति
सीरीज में अभिनेता जीशान अयूब ने विश्वविद्यालय के एक ऐसे छात्र शिवा शेखर की भूमिका निभाई है, जो बिहार से यूपीएससी की पढ़ाई करने के लिए दिल्ली आया है। विश्वविद्यालय कैंपस के फेस्टिवल में एक नाटक चल रहा है, जिसमें शिवा बने जीशान अयूब के हाथ में डमरू व त्रिशूल है, वह शिव तो उसके साथ स्टेज पर एक अन्य एक्टर नारद जी की भूमिका में है। एक्टर कहता है- भोलेनाथ प्रभु ईश्वर, ये रामजी के फॉलोअर्स दिन पर दिन सोशल मीडिया पर बढ़ते ही जा रहे हैं, लगता है हमें भी कोई नई सोशल मीडिया स्ट्रैटजी बना लेनी चाहिए। इस पर शिव की भूमिका में जीशान कहता है- क्या करूं, नई फोटो लगाऊं? एक्टर कहता है- भोलेनाथ आप बहुत ही भोले हैं, कुछ नया कीजिए बल्कि कुछ नया ट्वीट कीजिए, कुछ सेंसेशनल, कोई भड़कता हुआ शोला, जैसे कि कैंपस के सारे विद्यार्थी देशद्रोही हो गए, आजादी-आजादी के नारे लगा रहे हैं।
इस पर जीशान कहता है- आजादी…व्हाट द …. (बीप) जब मैं सोने गया था तब तक तो आजादी कूल चीज हुआ करती थी। अब बुरी हो गई क्या? फिर स्टूडेंट्स की ओर देखते हुए पूछता है- हां भई किस चीज से आजादी चाहिए तुम लोगों को? स्टूडेंट्स की ओर से जवाब आता है- भुखमरी से आजादी, सामंतवाद से आजादी, जातिवाद से आजादी, अत्याचारों से आजादी। जिशान कहता है- हां हां देश से आजादी नहीं चाहिए देश में रहते हुए आजादी चाहिए। अरे भई उनको समझाओ ना कि जियो लेकिन हमें भी जीने दो।
एक दूसरे सीन में एक्टर डिनो मोरिया कहते हैं कि जब एक छोटी जात का आदमी एक ऊंची जात की औरत को डेट करता है ना! तो वो बदला ले रहा होता है, सदियों के अत्याचारों का सिर्फ उस एक औरत से।