शिवशाहीर बाबा साहेब पुरंदरे का देवलोक गमन
छत्रपति शिवाजी महाराज की कीर्ति का अखंड गुणगान करने वाले शिवशाहीर बाबा साहेब पुरंदरे आज 99 वर्ष की आयु में शिवलोक गमन कर गए। 15 नवंबर सोमवार को प्रातः पुणे के दीनानाथ मंगेशकर रुग्णालय में उन्होंने अंतिम श्वास ली।
पद्मविभूषण से सम्मानित जाने-माने इतिहासकार-लेखक- व्याख्याता व नाट्य निर्देशक बळवंत मोरेश्वर पुरंदरे उपाख्य बाबा साहेब पुरंदरे का जन्म 29 जुलाई 1922 को पुणे में हुआ था। उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज के जीवन, कृतित्व, प्रशासन, किले, युद्धनीति इत्यादि विषयों पर कई पुस्तकें लिखीं तथा 12 हजार से अधिक व्याख्यान दिए।
शिवचरित्र आधारित उनके जगप्रसिद्ध नाटक ‘जाणता राजा’ को देखना एक विस्मयकारी अनुभव होता था। यह नाटक सभागार की बजाय किसी विशाल स्टेडियम या मैदान में मंचित होता था। शिवकालीन वेशभूषा में सजे सैकड़ों कलाकारों के साथ ही असली हाथी-घोडों, बैलगाड़ियों को देखकर ऐसा अनुभव होता था मानो दर्शक टाइम मशीन में बैठकर प्रत्यक्ष उस काल में जा पहुँचे हैं।
उनके ग्रंथ ‘राजा शिवछत्रपति’ की 16 आवृत्तियाँ व लाखों प्रतियाँ छपीं और इस पर आधारित टीवी सीरियल भी लोकप्रिय हुआ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित अन्य गणमान्य हस्तियों ने बाबा साहेब पुरंदरे के निधन पर शोक जताया है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा राजकीय सम्मान के साथ उनके अंतिम संस्कार का निर्णय लिया गया है।