संघ का शिक्षा वर्ग तप स्थली है, यहाँ हमको तप कर निकलने का अवसर मिलता है

संघ का शिक्षा वर्ग तप स्थली है, यहाँ हमको तप कर निकलने का अवसर मिलता है
संघ का शिक्षा वर्ग तप स्थली  है, यहाँ हमको तप कर निकलने का अवसर मिलता हैसंघ का शिक्षा वर्ग तप स्थली  है, यहाँ हमको तप कर निकलने का अवसर मिलता है
संघ के शिक्षा वर्ग में रहना आसान बात नहीं है। यह तप स्थली है, यहॉं हमको तप कर निकलने का अवसर मिलता है। यहाँ सबके लिए समान अवसर होते हैं। लेकिन वर्ग में आया शिक्षार्थी इस वर्ग से कितना सीखेगा, यह उसकी ग्रहणशीलता पर निर्भर करता है। यह बात मंगलवार को लोकमान्य तिलक विद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शिक्षा वर्ग के शुभारंभ के अवसर पर मध्य क्षेत्र (मध्य प्रदेश- छत्तीसगढ़) के क्षेत्र संघचालक अशोक सोहनी ने अपने उद्बोधन में कही।
उन्होंने कहा कि संघ का स्वयंसेवक समाज में अपने आचरण से पहचाना जाता है। उसके आचरण का प्रभाव समाज पर पड़ता है। उन्होंने शिक्षार्थियों से कहा कि हमें मैं और मेरा से ऊपर उठकर संघ के कार्य को आगे तक पहुंचाना है। इसलिए  संघ के शिक्षा वर्ग में अलग- अलग  विषयों को सुनने और समझने के बाद नए कार्यकर्ता को अपने व्यवहार और आचरण से खड़ा करना है। उन्होंने कहा, संघ समाज का संगठन है। सारा समाज एक है, ऐसा भाव जागृत करने का कार्य हमें करना है। इसके लिए विचार में परिवर्तन नहीं, क्रियान्वयन में परिवर्तन लाना होगा। युवाओं को ही संघ की परंपरा को बनाए रखना है।
कार्यक्रम का आरम्भ रामानुज कोट, उज्जैन के पीठाधीशवर रंगनाथाचार्य महाराज एवं वर्ग के सर्वाधिकारी चरण जीत सिंह कालरा वरिष्ठ व्यवसायी उज्जैन द्वारा भारत माता के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर हुआ।
उद्घाटन सत्र में हेमंत मुक्तिबोध, क्षेत्र सह कार्यवाह, मध्य क्षेत्र, दीपक विसपूते, क्षेत्र प्रचारक मध्य क्षेत्र भी उपस्थित रहे। वर्ग के सुचारू रूप से संचालन हेतु सर्वाधिकारी चरण जीत सिंह कालरा, व्यवसायी (उज्जैन), वर्ग कार्यवाह अनिरुद्ध, सह कार्यवाह, महाकौशल प्रांत वर्ग पूरे समय वर्ग में उपस्थित रहेंगे। 
उन्होंने कहा संघ का स्वयंसेवक उसके आचरण से समाज मैं पहचाना जाता है । तभी समाज पर उसका प्रभाव होता है। उन्होंने शिक्षार्थियों से कहा हमें मैं और मेरा से ऊपर उठकर संघ के कार्य को आगे तक पहुंचाना है। इसलिए  संघ के शिक्षा वर्ग में अलग- अलग  विषयों को सुनने और समझने के बाद नए कार्यकर्ता को अपने व्यवहार और आचरण से खड़ा करना है। उन्होंने कहा संघ समाज का संगठन है। सारा समाज एक है, ऐसा भाव जागृत करने का कार्य हमें करना है। इसके लिए विचार में परिवर्तन नहीं, क्रियान्वयन में परिवर्तन लाना होगा। लेकिन आवश्यकता अनुसार परिवर्तन करे। युवाओं को ही संघ की परंपरा को बनाए रखना है।
21 दिन वर्ग तपस्या में लीन रहेंगे प्रशिक्षार्थी
संघ शिक्षा वर्ग, द्वितीय वर्ष (सामान्य) 15 मई से 5 जून 2023 तक चलेगा। 21 दिवसीय शिक्षा वर्ग में मध्य क्षेत्र (मध्यप्रदेश/छत्तीसगढ़) के मालवा, मध्य भारत, महाकौशल और छत्तीसगढ़ प्रांत से कुल 332  प्रशिक्षार्थी भाग ले रहे हैं। जिन्हें 53 शिक्षक प्रशिक्षण देंगे। सभी प्रशिक्षार्थी स्वयं के खर्चे से वर्ग में पहुंचे हैं और निर्धारित शुल्क जमा कर वर्ग प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे।
संघ का शिक्षा वर्ग तप स्थली  है, यहाँ हमको तप कर निकलने का अवसर मिलता है
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