संघ का स्वयंसेवक निःस्वार्थ भाव से सेवा कार्य करता है – स्वामी विशोकानन्द भारती
हरिद्वार। निर्वाणपीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती जी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वयंसेवक देश-समाज की सेवा के लिए हमेशा अग्रणी भूमिका में रहता है। देश में समय-समय पर आने वाली विषम परिस्थितियों में संघ के कार्यकर्ताओं ने बढ़-चढ़कर सेवा की है। संघ के कार्यकर्ताओं को सेवा के लिए कहने की आवश्यकता नहीं पड़ती। उनकी जहां आवश्यकता होती है, वे उपस्थित हो जाते हैं। संघ का स्वयंसेवक निःस्वार्थ भाव से सेवा कार्य करता है। स्वामी जी कुम्भ में यातायात व्यवस्था में सहयोग के लिए आने वाले स्वयंसेवकों के बेस कैंप शिविर कार्यालय के उद्घाटन अवसर पर संबोधित कर रहे थे।
सरस्वती विद्या मंदिर सेक्टर -2, भेल में आयोजित कार्यक्रम में निर्वाणपीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर ने कहा कि संघ के स्वयंसेवक स्वयं की प्रेरणा से सेवा कार्य में जुटते हैं। देश-समाज में जब भी सेवा की आवश्यकता पड़ती है, तभी स्वयंसेवक बिना किसी निमंत्रण के सेवा कार्य में जुट जाते हैं। संघ के संस्कारों से परिपूर्ण स्वयंसेवक न नाम का भूखा होता, न ही प्रशंसा का, उसे तो बस अपने कर्त्तव्य से मतलब होता है।
स्वामी अमृतानन्द महाराज जी ने कहा सेवक धर्म कठोर है, सेवा से ही भगवान प्रसन्न होते हैं, सेवा ही मुक्ति का मार्ग है। जो व्यक्ति निःस्वार्थ भाव से सेवा करता है, उसके सभी मार्ग स्वयं प्रशस्त हो जाते हैं। विषम परिस्थितियों में संघ को सेवा का मौका तो बहुत मिला है, लेकिन सम परिस्थितियों में यह पहला मौका है।
कुम्भ में यातायात व्यवस्था में प्रशासन के सहयोग की जानकारी देते हुए आरएसएस क्षेत्रीय शरीरिक प्रमुख नरेश कुमार ने बताया कि कुम्भ मेला प्रशासन से हुई वार्ता के अनुसार मेला प्रशासन ने 46 प्वाइंट बनाए हैं। इन सभी प्वाइंट्स पर 10-10 स्वयंसेवक दिन में, 10-10 स्वयंसेवक रात में पुलिस के सहयोग के लिए पूर्ण गणवेश में तैनात रहेंगे। इस व्यवस्था के लिए पूरे प्रदेश से 700 से अधिक स्वयंसेवक 8 दिन का समय देने हरिद्वार आ रहे हैं। इसके अतिरिक्त 1000 से अधिक स्वयंसेवक हरिद्वार व रुड़की की व्यवस्था में रहेंगे। स्वयंसेवकों के रहने के लिए तीन बेस कैंप शिविर बनाए गए हैं। हरिद्वार में सेक्टर-2 व मायापुर के सरस्वती विद्या मन्दिर के अलावा एक सेंटर रुड़की में होगा। हरिद्वार के दोनों शिविरों में 400 स्वयंसेवकों के रुकने की व्यवस्था की गई है, जो दो पारियों में 12-12 घण्टे की कुम्भ ड्यूटी देंगे। इसके अलावा इन्हें ड्यूटी प्वाइंटों पर लाने ले जाने के साथ शिविर की व्यवस्था तक ड्यूटी दे रहे स्वयंसेवकों की चिंता के लिए स्थानीय कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है। 8 से 16 अप्रैल तक चलने वाली इस सेवा के लिए 7 अप्रैल को सभी स्वंयसेवक हरिद्वार पहुचं रहे हैं।
मंचीय कार्यक्रम से पूर्व वैदिक विधि विधान के साथ पूजन हवन कर कुम्भ कार्यालय का शुभारंभ किया गया। इस पूरी व्यवस्था के लिए अंकित कुमार को सर्व व्यवस्था प्रमुख, अमित शर्मा को सह व्यवस्था प्रमुख तथा प्रभात मदन को कार्यालय प्रमुख की जिम्मेदारी दी गई।