संघ के वरिष्ठ प्रचारक मदनदास देवी का निधन, अंतिम संस्कार कल

संघ के वरिष्ठ प्रचारक मदनदास देवी का निधन, अंतिम संस्कार कल

संघ के वरिष्ठ प्रचारक मदनदास देवी का निधन, अंतिम संस्कार कल संघ के वरिष्ठ प्रचारक मदनदास देवी का निधन, अंतिम संस्कार कल

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक मदनदास देवी का आज प्रातः 5.00 बजे बेंगलुरु के राष्ट्रोत्थान अस्पताल में देहावसान हो गया। वे 81 वर्ष के थे। वे विभिन्न दायित्वों का निर्वहन करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह के दायित्व पर रहे थे।

मदन दास देवी का जन्म 9 जुलाई, 1942 को महाराष्ट्र के सोलापुर में हुआ था। शालेय शिक्षा के बाद  उच्च शिक्षा हेतु पुणे के प्रसिद्ध BMCC कॉलेज में 1959 में प्रवेश लिया। M.Com के बाद ILS Law कॉलेज से गोल्ड मेडल के साथ LLB किया। बाद में CA किया। पुणे में पढ़ाई के दौरान वरिष्ठ बंधु खुशालदास देवी की प्रेरणा से संघ के संपर्क में आए।

1964 से मुंबई में विद्यार्थी परिषद का कार्य प्रारंभ किया। 1966 में अभाविप मुंबई के मंत्री हुए। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कर्णावती राष्ट्रीय अधिवेशन (सन् 1968 ई.) में उनके पूर्णकालिक कार्यकर्ता व पश्चिमांचल क्षेत्र संगठन मंत्री बनने की घोषणा हुई तथा 1970 के तिरुअनंथपुरम अधिवेशन में राष्ट्रीय संगठन मंत्री का गुरूतर दायित्व संभाला। वर्ष 1992 तक अभाविप के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रहे। उनकी संगठनात्मक कुशलता ने विद्यार्थी परिषद को अखिल भारतीय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

मदन दास 1992 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह-प्रचारक प्रमुख तथा 1994 से सह-सरकार्यवाह रहे।

अंतिम दर्शन हेतु उनका पार्थिव शरीर आज 24 जुलाई दोपहर 1:30 बजे से सायं 4 बजे तक बेंगलुरु में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत कार्यालय केशव कृपा में रखा जाएगा।

अंतिम संस्कार कल 25 जुलाई, 2023 को प्रातः 11 बजे वैकुंठ शमशान भूमि, पुणे, महाराष्ट्र में किया जाएगा।

उनके निधन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत व सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने एक संयुक्त वक्तव्य में उन्हें श्रद्धांजली देते हुए कहा कि मदनदास जी के जाने से हम सबने अपने ज्येष्ठ सहयोगी को खो दिया है। गत अनेक वर्षों से स्वयं की शारीरिक अस्वस्थता से उनका संघर्ष चल रहा था, आज भोर में उस संघर्ष का हमारे लिए अतीव दुखदायक अंत हुआ है।

श्री मदनदास जी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में संघ योजना से दिए गए पहले प्रचारक थे। अनेक वर्षों तक परिषद के संगठन मंत्री का दायित्व उन्होंने संभाला। स्वर्गीय श्री यशवंत राव केलकर जी के सानिध्य में उन्होंने संगठन कला की गुणवत्ता को परिपूर्ण बनाया। बाद में 90 के दशक में उनकी योजना संघ के दायित्व में हुई। प्रदीर्घ समय तक उस चुनौती भरे कालखंड को यशस्वी ढंग से निभाने में उनकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका रही।

हम सब लोग उस समय विभिन्न दायित्वों पर उनके सानिध्य में काम कर रहे थे। उनकी पैनी निरीक्षण शक्ति, उत्तम सूझबूझ, प्रचारक व्यवस्था के अनुशासन का कठोर पालन व सबके साथ घुलने मिलने वाला संवादी परंतु सजग स्वभाव हमें बहुत कुछ सिखा गया है।

स्वस्थ रहकर वे हमारा नेतृत्व करते हुए हमको आगे बढ़ाते रहें, यह हम सबकी इच्छा थी, परंतु कार्य हेतु किए हुए कठोर परिश्रम ने उनके शरीर को धीरे-धीरे जर्जर बना दिया। मनुष्य प्रयत्नों पर नियति भारी हो गई और आज का दुःखद प्रसंग हमारे सामने हम देख रहे हैं। परंतु सुख-दुःख की चिंता न करते हुए कर्तव्य मार्ग पर सतत आगे बढ़ने का प्रत्यक्ष उदाहरण भी श्री मदनदास जी के जीवन के रूप में हमारे सामने है।

अपनी जीवन तपस्या के कारण उनको उत्तम गति प्राप्त होगी ही। उनकी पवित्र स्मृति में हमारी व्यक्तिगत तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित है।

Print Friendly, PDF & Email
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *