सरसंघचालक डा. मोहन भागवत द्वारा पूज्य संत रामराव महाराज को श्रद्धांजली
वाशिम जिले की मानोरा तहसील के श्रीक्षेत्र पोहरादेवी में बंजारा समाज के धर्मगुरु संत डॉ. रामराव महाराज का शुक्रवार देर रात निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार रविवार दोपहर 12 बजे पोहरादेवी में किया गया। रामराज महाराज देशभर में बंजारा समाज के प्रमुख संत थे।
रामराव महाराज ने मुंबई के लीलावती अस्पताल में अंतिम सांसें ली। वे 89 वर्ष के थे। शनिवार शाम उनका पार्थिव शरीर आश्रम में लाया गया। समाज को जोड़ने व दिशा देने वाले संत महाराज को अनेक गणमान्य लोगों व श्रद्धालुओं ने अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने उन्हें श्रद्धांजली देते हुए कहा – हर युग में हिन्दू भाव भारत की आत्मा रहा है। धर्म, संस्कृति, परम्परा, सभ्यता के प्रवाह को अक्षुण्ण रखकर, सामान्य समाज के आचरण को युगानुकूल विकसित करने में इस भारतवर्ष में ऋषियों, मुनियों, संत, महंतों का योगदान रहा है। श्रद्धेय रामराव महाराज का स्थान इस परम्परा में बहुत ही गर्व के साथ लिया जाता है।
जगत जननी माँ जगदम्बा का आशीर्वाद बापू महाराज श्री को प्राप्त था। महाराज जी ने अपने अनुयायियों को समाज की भक्ति एवं आसुरी प्रवृत्ति का दमन करने के लिये शक्ति की आराधना करने की दीक्षा दी।
संत श्री सेवालाल महाराज के सानिध्य में अनेक कुप्रथाओं को समाप्त किया। उनके जीवन में सदैव पवित्रता एवं सादगी रही। प्रेम एवं आत्मीयता से सभी के साथ बात करना उनका सहज स्वभाव था।
हिन्दूपन का जीवनाचरण होने के कारण वर्ष 2006 में सम्पन्न हिन्दू सम्मेलन में उनका संदेश प्राप्त होना सभी के लिये गौरव का विषय रहा।
पूर्णिमा को संत श्री रामराव महाराज जी का स्वर्गारोहण हुआ, परम पिता परमेश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। उनके परिवार एवं श्रीमहाराज जी के अनुयायी तथा सब समाज को इस दुःखद घटना से संभलने की शक्ति दे, यही माँ जगदम्बा से प्रार्थना है। मैं उनकी पवित्र स्मृति में अपनी व्यक्तिगत तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से हार्दिक श्रद्धांजली अर्पण करता हूँ।