बैकुंठी निकालकर संवित सोमगिरीजी महाराज को दी भू समाधि
बीकानेर, 19 मई। राजस्थान के जाने-माने शंकरी परम्परा के महान संत व ‘बीकानेर के विवेकानंद’ नाम से ख्यात स्वामी संवित सोमगिरीजी महाराज को बैकुंठी निकालकर भू समाधि दी गयी। शिवबाड़ी मठ के स्वामी विमर्शानंद महाराज के अनुसार बुधवार को आश्रम परिसर के अंदर ही कोरोना गाइडलाइन की पालना करते हुए सारी रस्में निभायी गयीं।
मूल रुप से इंजीनियर रहे सोमगिरीजी महाराज का मंगलवार रात्रि को कोरोना से निधन हो गया था। वे पिछले कई दिनों से पहले निजी अस्पताल व बाद में पीबीएम अस्पताल परिसर में चिकित्सा ले रहे थे। साथ ही चार दिवस पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने बीकानेर प्रवास के दौरान उनसे भेंट की थी। चिकित्सकों ने उन्हें बचाने के काफी प्रयास किए लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका। उनके निधन पर पूरे शहर में शोक छा गया।
बीकानेर में ही 23 नवम्बर 1943 को जन्मे सोमगिरीजी महाराज ने 23 वर्षों तक अर्बुदाचल की तपोभूमि में वेदांत का अध्ययन करते हुए गहन साधना की थी। 20 नवम्बर 1994 को शिवबाड़ी मठ (श्री लालेश्वर महादेव मंदिर) के अधिष्ठाता पद पर बिठाया गया।
विमर्शानंदगिरी जी महाराज गद्दी पर बैठे
लालेश्वर महादेव मंदिर शिवबाड़ी मठ के अधिष्ठाता स्वामी संवित सोमगिरीजी महाराज के देवलोकगमन के बाद बुधवार को उनके शिष्य विमर्शानंद गिरी महाराज गद्दी पर बैठे। इस अवसर पर बीकानेर के पूर्व राजघराने की राजकुमारी एवं पूर्व क्षेत्र से भाजपा विधायक सिद्धि कुमारी ने संतों के सानिध्य में उनका तिलक किया तथा शॉल ओढ़ाकर गद्दी पर बिठाया।