सनातन हिन्दू संस्कृति सर्व समावेशी है- इंद्रेश कुमार

सनातन हिन्दू संस्कृति सर्व समावेशी है- इंद्रेश कुमार

सनातन हिन्दू संस्कृति सर्व समावेशी है- इंद्रेश कुमार

कोटा, 9 नवंबर 2021। नेपाली संस्कृति परिषद (अंतरराष्ट्रीय) कोटा द्वारा आयोजित दीपावली स्नेह मिलन एवं अमृत महोत्सव स्वराज 75 के कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने कहा कि नेपाली संस्कृति तथा सभ्यता प्राचीन है। हम सभी नेपाल से नेपाली हैं, स्थान से नेपाली हैं। परंतु हम सब हिन्दू हैं। सनातन हिन्दू संस्कृति सर्व समावेशी है। इसीलिए हम बोलते हैं, सर्वे भवंतु सुखिन:, विश्व का कल्याण हो, प्राणियों में सद्भावना हो। सनातन हिन्दू संस्कृति विश्व में सुख और शांति की कामना करती है। इसलिए सभी को इसकी पालना करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि नारी का सम्मान करोगे तो राम बन जाओगे, नारी का सम्मान करोगे तो कृष्ण बन जाओगे, नारी का अपमान करोगे तो रावण बन जाओगे। कृष्ण बनो, राम बनो, नारी का सम्मान करो, यही हमारी सनातन हिन्दू संस्कृति हमें सिखाती है।

मैं विंध्यवासिनी गया, दर्शन करने। वहां देवरा बाबा के भी दर्शन किए। वहां एक अनुष्ठान चल रहा था, हनुमान जी की सिद्धि का पाठ चल रहा था। उस दिन अंतिम पूजन था। मैं वहीं था, यह सौभाग्य मुझे भी मिला कि मेरे सामने सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया, अनुष्ठान में सभी ने संकल्प लिया कि

  • कैलाश मानसरोवर चीन से मुक्त हो यह हमारा था हमारा है और हमारा रहेगा।
  • गाय विश्व की माता है इसके संरक्षण व पालन के लिए कानून बने।
  • हे प्रभु! पाकिस्तान में जो शैतान हैं और जो हिंसा है उसका नाश हो।
  • हे प्रभु! विश्व का कल्याण हो।

हम भी प्रतिदिन पूजा के समय प्रभु से यही प्रार्थना करें। आज की परिस्थितियों में हमें अपने लिए तो सोचना ही चाहिए, देश व समाज के लिए भी सोचना चाहिए। विश्व के कल्याण के लिए भी सोचना चाहिए। हमें प्रण करना होगा कि हम त्योहार धूमधाम से मनाएंगे, परंतु चीनी माल से नहीं।अपने देश के माल से मनाएंगे। मेड इन भारत चलेगा, मेड इन नेपाल चलेगा, परंतु मेड इन चाइना नहीं चलेगा। संकल्प लें अपने हिंदू त्योहारों को स्वदेशी वस्तुओं से ही मनाएंगे।

गरीब लोगों को देखकर ईसाई मिशनरियां कन्वर्जन करने का कार्य करती हैं। ऐसी ईसाई मिशनरियों से अपने आप को बचाना होगा, अपने समाज को बचाना होगा। समाज के गरीब तबकों में एजुकेशन, हेल्थ, स्किल डेवलपमेंट के कार्य करने होंगे। मुंबई में नेपाली परिषद ने एनजीओ बनाकर ये कार्य प्रारंभ किये हैं। दिल्ली में पावर नाम से एनजीओ है, जिसने 10 मंदिरों का चयन किया है। रोज गाड़ी मंदिरों पर जाती है, वहां से चढ़ावे के फूल एकत्र करती है, पूजन की सामग्री एकत्र करती है, फिर उसकी अगरबत्ती बनाती है। वेस्ट में से बेस्ट बनाने का प्रयत्न करती है। ऐसा एनजीओ बनाकर हम भी अपने क्षेत्र में समाज के गरीब बंधुओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयत्न करें।

नेपाली संस्कृति परिषद (अंतरराष्ट्रीय) कोटा के कार्यक्रम में नेपाली संस्कृति परिषद प्रदेश संरक्षक कैप्टन एसआर कुंवर, कोटा जिला अध्यक्ष नेपाली संस्कृत परिषद दुर्गा बहादुर थापा, पशुपतिनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष प्रेम प्रधान, नेपाली संस्कृति परिषद प्रदेश मंत्री रामस्वरूप तमांग, राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य कमान सिंह राव आदि उपस्थित रहे।

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