समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं, निर्णय का विहिप ने किया स्वागत

समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं, निर्णय का विहिप ने किया स्वागत

समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं, निर्णय का विहिप ने किया स्वागतसमलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता नहीं, निर्णय का विहिप ने किया स्वागत

नई दिल्ली, अक्टूबर 18, 2023। समलैंगिक विवाह तथा समलैंगिकों द्वारा दत्तक लिए जाने को कानूनी मान्यता नहीं दिए जाने के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय का विश्व हिन्दू परिषद ने स्वागत किया है। विहिप के केन्द्रीय कार्याध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता आलोक कुमार ने आज कहा है कि हमें संतोष है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने हिन्दू, मुस्लिम व ईसाई मतावलंबियों सहित सभी संबंधित पक्षों को सुनने के बाद यह निर्णय दिया है कि दो समलैंगिकों के बीच संबंध विवाह के रूप में पंजीयन योग्य नहीं है। यह उनका मौलिक अधिकार भी नहीं है। समलैंगिकों को किसी बच्चे को दत्तक लेने का अधिकार भी ना दिया जाना भी एक अच्छा कदम है।

वहीं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने भी निर्णय पर संतोष जताया है। संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के समलैंगिक विवाह सम्बंधित निर्णय का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ स्वागत करता है।

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