सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन में 18 बेटियों के हाथ पीले हुए
जयपुर, 16 फरवरी। जयपुर के अम्बाबाड़ी स्थित आदर्श विद्यामंदिर में बसंत पंचमी के अबूझ सावे में एक सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन हुआ। जिसमें अग्रवाल, कीर, महावर, कोली आदि 9 समाजों के 18 जोड़े वैवाहिक बंधन में बंधे। इनमें 7 विवाह अंतर्जातीय भी थे। सेवा भारती की ओर से आयोजित इस विवाह सम्मेलन में 2000 से अधिक लोग शामिल हुए। विवाह बंधन में बंधने वाले सभी जोड़े कमजोर आर्थिक वर्ग के थे।
सभी दूल्हों ने निकासी की और घुड़चढ़ी की रस्म के साथ तोरण मारा। वरमाला के बाद जोड़ों का पाणिग्रहण संस्कार हुआ। दूल्हा-दुल्हन ने अग्नि के साथ ही गो माता को साक्षी मानते हुए सात फेरे लिए।
जोड़ों के माता पिता ने इस आयोजन की मुक्तकंठ से प्रशंसा की। दुल्हन नीतू ने कहा कि उनके पिताजी बहुत बीमार हैं। हमारी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं कि वह विवाह में आवश्यक खर्च भी कर पाते। सेवा भारती द्वारा आयोजित इस सम्मेलन के कारण बिना किसी से आर्थिक सहयोग मांगे मेरे पापा मेरा विवाह कर पा रहे हैं। वहॉं उपस्थित एक और दुल्हन प्रिया की मौसी ने कहा कि इस तरह के आयोजन समाज के लिए वरदान हैं। इनसे गरीब व जरूरतमंदों को काफी सहायता मिलती है। वे भी बिना कर्ज के बोझ तले दबे, अपना सम्मान बनाए रखते हुए अपनी बेटियों के हाथ पीले कर पाते हैं। आयोजन में शामिल महिला मंडल की कार्यकर्ताओं ने सम्मेलन को विवाह समारोहों में होने वाली फिजूलखर्ची को बचाने वाला सबसे अच्छा उदाहरण बताया। समिति की ओर से नए विवाहित जोड़ों को उनकी गृहस्थी बसाने के लिए आवश्यक सामान भी दिया गया।
उल्लेखनीय है कि सेवा भारती पिछले 10 वर्षों से श्रीराम जानकी विवाह सम्मेलनों का आयोजन कर रही है। अब तक 1980 जोड़ों का विवाह सम्पन्न कराया जा चुका है।