कन्या भ्रूण हत्या नहीं करने के वचन के साथ विवाह सम्पन्न

कन्या भ्रूण हत्या नहीं करने के वचन के साथ विवाह सम्पन्न
कन्या भ्रूण हत्या नहीं करने के वचन के साथ विवाह सम्पन्न
कन्या भ्रूण हत्या नहीं करने के वचन के साथ विवाह सम्पन्न
भिवाड़ी। सेवा भारती समिति भिवाड़ी द्वारा आयोजित अष्टम् श्रीराम जानकी सर्वजातीय सामूहिक विवाह सम्मेलन मंगलवार को श्री श्याम बाल वाटिका, सेक्टर-3 में सम्पन्न हुआ। इसमें राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार के 7 जातियों के 12 जोड़े दाम्पत्य सूत्र में बंधे। समारोह में सभी जोड़ों के लिए अलग अलग मंडप बनाये गए। इन मंडपों में वर वधु ने राम-जानकी, शिव-पार्वती, विष्णु-लक्ष्मी, कृष्ण-रुक्मणी, लक्ष्मण-उर्मिला, भरत-मांडवी, शत्रुघ्न-श्रुतकीर्ति, पवन-अंजना, गणेश-रिद्धिसिद्धि, अर्जुन-सुभद्रा, याज्ञवल्क्य-मैत्रेयी, सत्यवान-सावित्री के स्वरूप में सात फेरे लिए। इस समारोह में महंत नरेश गिरी महाराज का सानिध्य एवं आशीर्वाद प्राप्त हुआ।
समारोह में 12 घोड़ियों पर बारात निकासी हुई। तत्पश्चात तोरण की रस्म हुई। सभी दुल्हनों को सेवा भारती की महिला कार्यकर्ताओं द्वारा मंच तक ले जाया गया। मंच पर वरमाला हुई। तत्पश्चात सभी जोड़े फेरे लेने के लिए मंडप में पहुंचे।  पंडितों ने सभी जोड़ों को 7 वचनों के साथ, आठवें वचन के रूप में बालिका भ्रूण हत्या नहीं करने की शपथ भी दिलाई। विदाई में विवाह आयोजन समिति द्वारा सभी वधुओं को नित्य उपयोगी सामान उपहार स्वरूप भेंट किया गया। समारोह में स्वागत कक्ष, कार्यालय, पूछताछ एवं कन्यादान विभाग भी बनाया गया। चिकित्सा विभाग की व्यवस्था भी की गयी थी। कार्यक्रम में सेवा भारती के कार्यकर्ताओं सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
अलवर में भी 11 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे
अलवर में भी फुलेरा दूज के अवसर पर सेवा भारती अलवर द्वारा सामूहिक विवाह सम्मेलन का आयोजन हुआ।सम्मेलन में 11 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। जिला प्रचार मंत्री प्रशांत बिंदल ने बताया कि गणेश पूजन के साथ विवाहोत्सव का शुभारम्भ हुआ। सभी रीति—रिवाजों को पूरा कर गाजे बाजे के साथ वर निकासी हुई। सेवाभारती महिला मंडल की ओर से वरमाला उत्सव धूमधाम से संपन्न हुआ। सभी ने नवविवाहित जोड़ों को आशीर्वाद दिया। सभी ने इसके लिए सेवाभारती की प्रशंसा की और इसे सामाजिक समरसता व समाज कल्याण की दिशा में एक आवश्यक कदम बताया। सेवा भारती समिति द्वारा जोड़ों को विवाह सर्टिफिकेट व उनके गृहस्थ जीवन के लिए आवश्यक सामग्री भी दी गई।
अलवर में भी 11 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे
अलवर में भी 11 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे
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