हमास आतंकियों द्वारा इजरायली महिला के निर्वस्त्र शव की परेड को इरेना अकबर ने किया जस्टिफाई
हमास आतंकियों द्वारा इजरायली महिला के निर्वस्त्र शव की परेड को इरेना अकबर ने किया जस्टिफाई
इंडियन एक्सप्रेस में काम कर चुकीं एक मुस्लिम महिला इरेना अकबर ने एक ऐसा तर्क दिया जो मानवता को भी शर्मसार कर दे। उन्होंने इजरायल में हमास के आतंकियों द्वारा इजरायली महिला के निर्वस्त्र शव को गाड़ी में घुमाने वाले वायरल वीडियो को लेकर एक तर्क देते हुए कहा कि महिला का शव पूरी तरह नग्न नहीं था, क्योंकि उसके शरीर के ऊपरी और निचले भाग ढँके हुए थे। प्रश्न यह है कि क्या अब इस पर भी बहस की जाएगी कि महिला कितनी नग्न थी और कितनी नहीं, केवल हमास के आतंकियों को सही जताने के लिए??? क्या अब ऐसी घटनाओं में संवेदनहीनता का परिचय देकर कितना नग्न किया गया था, इसका प्रतिशत निकाला जाएगा? इरेना अकबर का आगे का तर्क, या यूँ कहें कि कुतर्क और भी ज़्यादा संवेदनहीन प्रतीत होता है।
वो सोशल मीडिया ऐप एक्स पर लिखती हैं कि शानी लौक (जर्मन-इजरायली नागरिक) का इंस्टाग्राम हैंडल देखने पर पता चलता है कि वो अक्सर बिकनी व ‘शरीर दिखाने वाले अंत:वस्त्र’ पहनती थीं। इसीलिए यह हो सकता है कि जब उनकी हत्या की गई, तब वो इन्हीं कपड़ों में हों (जो अवस्था वीडियो में दिखाई गई)। इतना लिखने के बाद बड़ी समझदारी से इरेना अकबर ने लिखा कि वो मृतका का अपमान नहीं करना चाहतीं, न ही उन्हें नीचा दिखाने की उनकी कोई मंशा है। उन्होंने इंस्टाग्राम हैंडल को साक्ष्य बताते हुए दावा किया कि वो ‘तर्क’ दे रही हैं।
क्या यह तर्क है??
क्या यह सीधे हमास आतंकियों का समर्थन नहीं है? वीडियो में हमास के इस्लामिक दरिंदों को शव पर थूकते, बाल खींचते और अल्लाह हू अकबर के नारे लगाते हुए देखा जा सकता है।
इरेना अकबर जैसी महिलाएं अपनी ही कौम की दुश्मन हैं, जो इस्लाम की बुराइयों को उजागर करने या उन पर बोलने के बजाय उनका समर्थन कर उन्हें बढ़ावा देती हैं।
यह घोर शर्मनाक है कि इतनी घिनोनी करतूत को भी जस्टिफाई करने वाली महिलाएं भारत मे हैं और वे भी पत्रकार कहलाने वाली। डूब मरना चाहिए।