हरिद्वार में युवा संतों की संगोष्ठी, हुई कन्वर्जन, वक्फ बोर्ड, लव जिहाद जैसे विषयों पर चर्चा

हरिद्वार में युवा संतों की संगोष्ठी, हुई कन्वर्जन, वक्फ बोर्ड, लव जिहाद जैसे विषयों पर चर्चा

हरिद्वार में युवा संतों की संगोष्ठी, हुई कन्वर्जन, वक्फ बोर्ड, लव जिहाद जैसे विषयों पर चर्चा   हरिद्वार में युवा संतों की संगोष्ठी, हुई कन्वर्जन, वक्फ बोर्ड, लव जिहाद जैसे विषयों पर चर्चा

हरिद्वार। विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मार्गदर्शक मण्डल की बैठक के पश्चात देश के युवा संतों की संगोष्ठी श्री कृष्ण निवास आश्रम, सन्यास रोड, कनखल, हरिद्वार में आयोजित हुई। संगोष्ठी का शुभारंभ विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे के साथ देवीय संपत मंडल अमरकंटक के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद सरस्वती, गो संवर्धन आयोग मध्यप्रदेश के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद, अखण्ड परमधाम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी ज्योतिर्मयानंद गिरी महाराज, देवनाथ मठ अमरावती श्रीनाथ पीठाधीश्वर स्वामी जितेंद्रनाथ ने संयुक्त रूप से किया।

युवा संत संगोष्ठी की अध्यक्षता देवीय संपत मंडल अमरकंटक के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद सरस्वती ने की तथा संचालन विश्व हिन्दू परिषद के केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी ने किया। संगोष्ठी की प्रस्तावना केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने युवा संतों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा कि आज देश और धर्म को युवाओं की आवश्यकता है। देश धर्म पर उपस्थित संकट के विभिन्न स्वरूपों को कालनेमि की संज्ञा देते हुए युवा संतों से राष्ट्र के लिए समर्पण का आह्वान किया। संगोष्ठी में कन्वर्जन, वक्फ बोर्ड को असीमित अधिकार, लिव इन रिलेशनशिप, मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्ति, समलैंगिकता जैसे विषयों पर चिंता व्यक्त करते हुए गहन चिंतन मनन किया गया।

संगोष्ठी में श्री पंचायती अखाड़ा अग्नि के सचिव श्रीमहंत डॉ. संपूर्णानंद ब्रह्मचारी, श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के कोठारी महंत संत जसविंदर सिंह शास्त्री, श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन निर्वाण के कोठारी महंत गोविंद दास, श्री पंचरामानंदीय दिगंबर अग्नि प्रतिनिधि सचिव श्री महंत विष्णुदास महाराज, सखी हनुमान मंदिर झांसी के श्री महंत अर्पितदास महाराज, कामत गिरी पीठ चित्रगुप्त के श्री महंत मदनमोहन दास, महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद गिरी महाराज रोहतक, महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती मुंबई, महंत श्यामचेतनानंद ब्रह्मचारी लखनऊ, आचार्य पुष्पेंद्र पुरी, महामंडलेश्वर गिरधरगिरी, स्वामी अनंतानंद सरस्वती, महंत रविदेव शास्त्री, महंत कृष्णानंद गिरी, स्वामी दयानंद पुरी, महंत धीरजदास के साथ अनेक परमपूज्य युवा संतों ने अपने वक्तव्य प्रस्तुत कर सनातन धर्म संस्कृति को बचाने हेतु योजना रचना में अपना संकल्प दोहराया। संगोष्ठी में देश भर के लगभग 93 युवा संतों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक दिनेश चंद्र ने संगोष्ठी में उपस्थित संतों का माल्यार्पण कर स्वागत किया।

Print Friendly, PDF & Email
Share on

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *