ब्रह्मलीन संत स्वामी संवित सोमगिरि जी को अभियंता संगम ने दी श्रद्धांजलि
जयपुर, 23 मई। बीकानेर के शिवबाड़ी मठ के महंत स्वामी संवित साेमगिरि जी महाराज विगत 18 मई को ब्रह्मलीन हो गए। स्वामी जी बीकानेर में आम सनातनी के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र थे। संन्यास लेने से पूर्व इंजीनियर और प्रोफेसर रहे संवित सोमगिरि जी महाराज का अभियंताओं के मध्य विशेष प्रभाव रहा।
रविवार सुबह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से सम्बद्ध अभियंता संगम द्वारा आयोजित ऑनलाइन श्रद्धांजलि सभा में राज्यभर से उनके अनेक अभियंता अनुयायी और कार्यकर्ता जुड़े। इस अवसर पर स्वामी विमर्श नंदगिरि जी (गुरुतर दायित्व निभा रहे), शिवबाड़ी, बीकानेर का आशीर्वचन वीडियो के माध्यम से प्राप्त हुआ। संघ की ओर से वरिष्ठ प्रचारक नंदलाल, क्षेत्र संपर्क प्रमुख जसवंत खत्री ने उनके प्रेरक संस्मरणों के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि स्वामी जी राजस्थान मूल के संतों की शृंखला में एक ओजस्वी संत रहे, जिन्होंने गीता ग्रंथ के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रेरणादायी कार्य किया है। जसवंत खत्री ने बताया कि स्वामी जी युवा काल में संघ के स्वयंसेवक भी बने। जीवनपर्यंत आध्यात्मिक विचारों को राष्ट्रीय परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत करने की उनकी ओजस्विता ने उन्हें प्रदेश ही नहीं राष्ट्रीय स्तर पर श्रद्धेय बनाया।
स्वामी जी के संन्यास पूर्व जीवन के साथी प्रोफेसर बी.पी. जैन और गोवर्धन लाल सोनी ने संस्मरणों के माध्यम से बताया कि स्वामी जी कैसे संन्यास पूर्व भी सादगी और साधना से पूर्ण जीवन जीते थे। अंत में कार्यक्रम का संचालन कर रहे वरिष्ठ वैज्ञानिक मधुसूदन बोहरा ने उनके जीवन से प्रेरणा लेकर नियमित मिलने और राष्ट्रीय विमर्श को निरंतर बनाये रखने के कार्य को निष्ठा से करते रहने का आह्वान किया।