पंचांग 12 जून 2021
सुविचार
न चातिप्रणयः कार्यः कर्त्तव्योप्रणयश्च ते।
उभयं हि महान् दोष: तस्मादन्तरदृग्भव॥
भावार्थ
किसी से अधिक प्रेम या अधिक वैर नही करना चाहिए, क्योंकि दोनों ही अत्यन्त अनिष्टकारक होते हैं। अतः सदा मध्यम मार्ग का ही अवलम्बन करना चाहिए।
।।आप सभी का दिन मंगलमय हो।।