यथार्थ बाफना : रील लाइफ का हीरो, रियल लाइफ में भी बना हीरो
किसी ने सोचा भी नहीं था सिक्के के दोनों पहलू एक साथ आ सकते हैं यानि पढ़ाई और अभिनय का मुश्किल गठबन्धन। हिंदी फिल्मों में अपने अभिनय के दम पर बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड पाने वाले इस हीरो ने, रियल लाइफ में भी पढ़ाई के क्षेत्र में सीए फाइनल में ऑल इंडिया 32वीं रैंक लाकर अपनी बहुमुखी प्रतिभा का प्रदर्शन कर इसे गलत साबित कर दिया।
जी हां! हम यहां बात कर रहे हैं जयपुर के यथार्थ बाफना की, जिसने नौ फिल्मों में अपनी अभिनय क्षमता का प्रदर्शन किया, जिनमें दो हिंदी: दा लॉस्ट टेप और रियल चैंपियन है, वहीं दो मराठी फिल्में: आम्ही चमकते तारे और वेलडन ब्वॉयज तथा पांच राजस्थानी फिल्में: राजू राठौड़, पक्की हीरोगीरी, कमाल रा भायला, थाने काजलियो बना लू, ममता री छांव शामिल हैं।
फिल्मों में काम करते करते यथार्थ के मन में शुरू से ही अभिनय के साथ कुछ बड़ा काम करने की आकांक्षा उन्हें सी ए करने की तरफ खींच लाई। हालांकि ऐसा माना जाता है कि सीए पास करना बहुत ही मुश्किल काम होता है और इसके लिए बहुत पढ़ना पड़ता है, साथ ही साथ अपने सारे शौक समाप्त करने पड़ते हैं। लेकिन यथार्थ ने उन सभी को झूठा साबित कर दिया और यह बता दिया कि –
सपने उन्हीं के होते हैं पूरे
जिनमें होती है जान
सिर्फ पंखों से ही नहीं
हौसलों से भी होती है उड़ान।
यानि आप अपने शौक को जिंदा रखते हुए भी अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। वे इससे पहले सीए इंटर में भी ऑल इंडिया रैंक 22 प्राप्त कर चुके हैं।
यथार्थ बाफना को फिल्मों में काम करने की प्रेरणा फिल्म डायरेक्टर और लेखक पिता अशोक बाफना से मिली और शिक्षा के प्रति लगन के बीज बचपन में ही शिक्षक रहे दादा मदन लाल जी बाफना ने रोप दिए थे। अन्य प्रेरणास्रोत भाई बहन रहे। वहीं इस लक्ष्य को प्राप्त करने में माँ शोभा बाफना भी पीछे नहीं रहीं, अपनी सभी व्यक्तिगत इच्छाओं को एक तरफ रख कर बेटे के साथ दिन रात लगी रहीं।
*जहाँ चाह वहाँ राह*
बहूत खूब, इस प्रकार की सफलताएं अन्य बच्चों को भी सफल होने हेतु प्रेरित करती है भावी जीवन के लिए अनेकों शुभकामनाएं
यथार्थ बाफना की सफलता से बच्चों की सीख लेनी चाहिये । बधाई एवं शुभकामनाएं
शानदार सफलता हेतु बधाई एवं उज्जवल भविष्य हेतु शुभकामनाएं
वाह यथार्थ ऐसे ही तरक्की करते हो। जय भारत