मुसलमानों की दबंगई : करौली के बाद जला जोधपुर
मुसलमानों की दबंगई : करौली के बाद जला जोधपुर
जोधपुर। राजस्थान में सरकार की मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति के चलते मुसलमानों के हौंसले बुलन्द है। फिर वह चाहे करौली में हिन्दुओं द्वारा रामनवमी पर निकाली जा रही शोभायात्रा पर पथराव हो या अब जोधपुर में दबंगई और जालौरी गेट सर्किल पर इस्लामिक झंडा फहराने की घटना।
सोमवार, आधी रात को मुख्यमंत्री के गृह जिले जोधपुर में कुछ मुसलमान युवकों ने शहर के जालौरी गेट चौराहे पर स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की मूर्ति पर लगे ध्वज को उतार कर इस्लामिक झंडा लगा दिया। जिसका लोगों ने विरोध किया तो वे मारपीट करने लगे, तभी कुछ अन्य मुस्लिम युवकों ने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर बीच बचाव का प्रयास किया, भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा।
मुस्लिम दंगाइयों ने पुलिस पर भी पत्थर बरसाए, जिससे कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिसकर्मियों ने चार मीडियाकर्मियों के साथ मारपीट की। पूरे मामले पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी है। मुख्यमंत्री ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
धारा 144 के बावजूद जालौरी गेट पर जुटी मुसलमानों की भीड़
मंगलवार सुबह ईद की नमाज के बाद जालौरी गेट सर्किल पर ध्वज हटाने की बात को लेकर फिर तनाव बढ़ा। धारा 144 के बावजूद बड़ी संख्या में मुसलमान इकट्ठा हुए और उपद्रव मचाया। भारी पुलिस बल तैनात होने के बावजूद भीतरी शहर अशांत है। दर्जनों गाड़ियां क्षतिग्रस्त की गईं। कई पुलिसकर्मी चोटिल हुए हैं, पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। महिलाओं से भी दुर्व्यवहार किया गया। कबूतर चौक से लेकर भीतर सुनारों का बास तक तनाव का माहौल है।
डीसीपी पश्चिम वंदिता राणा के अनुसार, पुलिस आयुक्तालय ने शहर के जिला पूर्व और पश्चिम के पांच-पांच थाना क्षेत्रों उदयमंदिर, नागोरी गेट, सदर कोतवाली, सदर बाजार, सूरसागर, सरदारपुरा, खांडाफलसा, प्रतापनगर, देवनगर, प्रतापनगर सदर में कर्फ्यू लगा दिया है। शहर का अंदरूनी हिस्सा पूरी तरह पुलिस छावनी में बदल दिया गया है। पुलिस जालौरी गेट सर्किल से लेकर बंबा मोहल्ला तक रूट मार्च कर रही है। दोपहर में भीतरी शहर के कबूतरों का चौक, सुनारों का बास और घोड़ों का चौक में स्थिति तनावपूर्ण रही।
कार्रवाई न हुई तो धरने पर बैठेंगे हजारों लोग
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि सुबह की नमाज के तुरंत बाद कारों में तोड़फोड़ की गई, घरों पर पथराव किया गया, जोधपुर में महिलाओं का अपमान किया गया। इसे रोकने के लिए पुलिस ने कोई कदम नहीं उठाया। राजस्थान में क़ानून व्यवस्था की हालत बदतर है। जब जोधपुर शहर को फूंका जा रहा था तब मुख्यमंत्री जन्मदिन की शुभकामनाएं और गुलदस्ते लेने में व्यस्त थे। हमने प्रशासन से कहा है कि अगर इस मामले में सही से कार्रवाई नहीं हुई तो हम जालौरी गेट पर धरना देंगे, हज़ारों की संख्या में बैठेंगे और प्रशासन पर दबाव डालेंगे कि वे जोधपुर की शांति और भाईचारे को बिगाड़ने वाले असामाजिक तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई करें। वहीं लोगों का कहना है कि जालोरी गेट पर स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की मूर्ति से झंडा उतारकर इस्लामिक झंडा फहराना और फिर पत्थरबाजी की घटना, बिना सत्ता संरक्षण के संभव नहीं हो सकती।
जोधपुर की मेयर का बड़ा आरोप
जोधपुर पश्चिम की मेयर वनीता सेठ ने कहा कि “जालौरी गेट पर 11:30-12:00 बजे के लगभग मुसलमान ईद के हिसाब से अपने झंडे लगा रहे थे। इससे पहले परशुराम जयंती थी, वहाँ उसके झंडे लगे हुए थे। पुलिस ने आकर कहा कि आज उनका त्योहार है, तो कुछ पत्रकारों ने और वहाँ के लोगों ने स्वयं उन (भगवा) झंडों को हटा दिया, सिर्फ एक झंडा रहने दिया गया जो कि स्वतंत्रता सेनानी बालमुकुंद बिस्सा की मूर्ति के ऊपर था।
रात को फिर मुसलमान लड़के आए तो उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी बिस्सा की मूर्ति के ऊपर टेप चिपका दिया और इस्लामिक झंडा लगाने लगे। इस पर दूसरे पक्ष ने मना किया कि बाकी जो करना है करो, लेकिन ये सब क्या कर रहे हो। इस पर उन लोगों ने पाकिस्तान के और अल्लाह-हू-अकबर नारे लगाए और सवाल पूछने पर पत्थरबाजी होने लगी। दूसरे पक्ष के लोग भी जुटे, लेकिन तभी मुस्लिम बस्ती से 200-300 लोग आ गए। पुलिस ने उन्हें हटाने की बजाय लाठी चार्ज किया जिसमें कई लोग घायल हो गए। इसके बाद बैरिकेडिंग की गई।”