बंधुत्व की भावना ही संविधान की आत्मा है- जसवंत खत्री

बंधुत्व की भावना ही संविधान की आत्मा है- जसवंत खत्री

बंधुत्व की भावना ही संविधान की आत्मा है- जसवंत खत्रीबंधुत्व की भावना ही संविधान की आत्मा है- जसवंत खत्री

बूंदी, 28 नवम्बर। सोमवार को बूंदी में एक प्रबुद्ध जन गोष्ठी का आयोजन हुआ, जिसमें मुख्यवक्ता राजस्थान क्षेत्र के क्षेत्र कार्यवाह जसवंत खत्री ने अपने उद्बोधन में कहा कि बंधुत्व ही संविधान की आत्मा है। डॉ. अंबेडकर ने संविधान निर्माण के द्वारा राष्ट्र निर्माण का सपना देखा था। समान नागरिक संहिता और नैतिकता वर्तमान समय की महती आवश्यकता है। कार्यपालिका, व्यवस्थापिका तथा न्यायपालिका का लक्ष्य वंचित समाज का उत्थान ही होना चाहिए। आज हमें अपने बाहरी शत्रुओं के साथ-साथ राष्ट्र को तोड़ने वाले आंतरिक शत्रुओं से भी सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंने सविधान के आर्टिकल 14-15-16 का हवाला देते हुए कहा कि आरक्षण को सामाजिक न्याय की अवधारणा माना जाना चाहिए। हमें जाति बंधनों से मुक्त होकर समरस समाज और समाज से राष्ट्र का निर्माण करना होगा। इस कार्य में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ निरंतर कार्य कर रहा है।

कार्यक्रम के अंत में जिला संघचालक प्रभुलाल सैनी ने सभी का आभार व्यक्त किया। मंच परिचय एवं संचालन जिला संपर्क प्रमुख लोकेश वशिष्ठ ने किया। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।

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