ईसाई बनो, दुख दूर हो जाएंगे, यीशु के नाम पर लोगों को बरगला रहीं ईसाई मिशनरियां
ईसाई बनो, दुख दूर हो जाएंगे, यीशु के नाम पर लोगों को बरगला रहीं ईसाई मिशनरियां
- भरतपुर में रिलीजियस कन्वर्जन का प्रयास
- आरोपियों को रातोंरात जमानत
भरतपुर के अटलबंध थाना क्षेत्र से रिलीजियस कन्वर्जन के प्रयास का एक मामला सामने आया है। यहॉं ईसाई मिशनरियां पैसे का लालच देकर हिन्दुओं को ईसाई बनाने का कुचक्र रच रही थीं। जानकारी में आया है कि भरतपुर में हाइवे के पास स्थित एक होटल में रविवार (11 फरवरी 2024) को प्रार्थना सभा के नाम पर सैकड़ों लोगों को बुलाया गया।
जब हिन्दू संगठनों को इसकी जानकारी मिली तो वे भी होटल पहुँच गए और सभा के वीडियो बना लिए। दोनों पक्षों में छीना झपटी हुई, मौके पर मथुरा गेट थाना पुलिस पहुंची और कुछ लोगों को अटलबंध थाने ले गई।
ईसाई मिशनरियां यह कहकर लोगों को बरगला रही थीं कि “यदि आप ईसाई बनते हैं तो आपके दुख दर्द दूर हो जाएंगे और आपको रुपए भी मिलेंगे। हिन्दू भगवानों में कुछ नहीं रखा है। ईसा मसीह के पास सभी समस्याओं का हल है। आप ईसाई मत अपना लेंगे तो, हम आपके बच्चों की शादी और घर में सहायता करेंगे।” जानकारी मिलने पर आमजन भी वहॉं पहुंच गए और आयोजन का विरोध करने लगे। मामला बढ़ता देख पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है, चारों ही तुहिया क्षेत्र के रहने वाले बताए जा रहे हैं।
पूछताछ में सामने आया है कि कुंवर सिंह नाम का व्यक्ति इस षड्यंत्र का सरगना है, उसने मौके पर स्वीकार किया कि भरतपुर में ही 20-25 स्थानों पर रिलीजियस कन्वर्जन का खेल चल रहा है। कुंवर सिंह को कन्वर्जन के लिए कथित रूप से चंडीगढ़ के विजेंद्र सिंह से पैसा मिलता है। होटल में ईसाई मिशनरी के लगभग 15 लोग थे। ये सभी पूर्व में कन्वर्ट हो चुके हैं। इनका टारगेट एससी, एसटी, शहरी बस्तियों में रहने वाले अल्प आय वर्ग के लोग थे।
उपस्थित लोगों ने मिशनरीज की पोल पट्टी खोलते हुए स्थानीय मीडिया को बताया कि उनमें से किसी को बीमारी ठीक करने के बहाने, तो किसी को धार्मिक सभा के बहाने बुलाया गया था। महिलाओं को सभा में आने के लिए 500-500 रुपए दिए गए। उनसे कहा गया कि आप ईसाइयत अपना लीजिए, हम आपके बच्चों की शादी और घर में सहायता करेंगे। आयोजन में हिन्दू देवी–देवताओं के विरुद्ध अपशब्द कहे और ईसा मसीह का महिमामंडन करते हुए कन्वर्जन का प्रयास किया। लोगों ने बताया कि इस क्षेत्र में काफी समय से ईसाई मिशनरीज सक्रिय हैं। मिशनरीज के लोग हिन्दू देवी–देवताओं की मूर्तियों को कुएं या तालाब में फेंककर आने के लिए कहते हैं। भगवान को भोग लगाने के लिए मना करते हैं। यीशु की प्रार्थना को ही सब कुछ बताते हैं। महिलाएं अपने पति की शराब की लत छुड़वाने का मुद्दा उठाती हैं, तो उन्हें कहा जाता है कि सीने पर क्रॉस का निशान बनाएं, इससे लत छूट जाएगी।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में जयपुर, भरतपुर, सीकर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, अलवर समेत 13 जिलों में ईसाई मिशनरीज का जाल है। यहॉं से वे पूरे राजस्थान में पैर जमाने के प्रयास कर रही हैं। लगभग 3 लाख लोग इन मिशनरियों के संपर्क में हैं।
पिछले वर्ष 9 जुलाई को भी राजस्थान के हनुमानगढ़ के पीलीबंगा में कन्वर्जन का मामला सामने आया था। तब भी हिन्दू संगठनों ने मौके पर पहुंच कर कार्यक्रम रुकवाया था। उस दौरान दोनों पक्षों में विवाद हो गया था। घटनास्थल से आधा किलोमीटर दूर हिन्दू संगठनों ने हनुमान चालीसा का पाठ करना शुरू कर दिया था, जिसके बाद ईसाई मिशनरी के लोगों ने हिन्दुओं पर हमला कर दिया था। तब कांग्रेस सरकार थी, पीलीबंगा पुलिस ने हिन्दुओं को ही गिरफ्तार किया था।
ऐसे ही तीन वर्ष पहले भरतपुर के डीग कस्बे में 6 परिवारों के 35 सदस्यों ने ईसाई मत अपना लिया था। लेकिन पिछले वर्ष उन्होंने स्वेच्छा से पुन: हिन्दू धर्म अपना लिया।
भरतपुर में कन्वर्जन के प्रयास के इस लेटेस्ट मामले में जब मामले की जांच कर रहे अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र शर्मा से एक पत्रकार ने बात करनी चाही तो उन्होंने कैमरे के सामने पक्ष रखने से मना कर दिया और कहा कि जांच के बाद ही घटना का खुलासा किया जाएगा। लोगों में रोष इस बात का है कि आरोपियों को रात में ही जमानत पर छोड़ दिया गया। पुलिस ने मामले को इतना कमजोर बनाया कि आरोपियों को मजिस्ट्रेट के सामने प्रस्तुत करने की बजाय थाने में ही रात को जमानत दे दी गई। अब भरतपुर स्थित मुख्यमंत्री कार्यालय में शिकायत देते हुए कठोर कार्रवाई की मांग की गई है।