राजस्थान में 3 वर्षों में साइबर ठगों ने की 1 अरब 65 करोड़ रुपयों की ठगी

राजस्थान में 3 वर्षों में साइबर ठगों ने की 1 अरब 65 करोड़ रुपयों की ठगी

राजस्थान में 3 वर्षों में साइबर ठगों ने की 1 अरब 65 करोड़ रुपयों की ठगीराजस्थान में 3 वर्षों में साइबर ठगों ने की 1 अरब 65 करोड़ रुपयों की ठगी

भरतपुर। कामां थाना क्षेत्र के अकाता गांव में साइबर ठगों को पकड़ने के लिए गई पुलिस टीम पर ठगों ने जानलेवा हमला कर दिया। इस हमले में दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। पुलिस ने प्रत्युत्तर में तीन राउंड हवाई फायरिंग की और आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसके बाद पुलिस ने पांच साइबर ठगों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई। परंतु, आठ अन्य आरोपी भागने में सफल रहे।

कामां थाना प्रभारी मनीष शर्मा के अनुसार, राष्ट्रीय साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल पर प्राप्त शिकायत के आधार पर पुलिस ने दबिश दी थी। पुलिस को गांव अकाता के मुर्गी फार्म हाउस के पास 13 ठग मोबाइल का उपयोग करते हुए मिले। जैसे ही ठगों ने पुलिस टीम को देखा, उन्होंने लाठी, डंडे, सरिए और सब्बल से हमला कर दिया और पुलिसकर्मियों पर गाड़ी चढ़ाने की भी प्रयास किया। पुलिस ने रसूलखां, लियाकत, पैगाम, आमीन और मौसम को गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि वे लंबे समय से साइबर ठगी के कार्यों में संलिप्त हैं। भागने में सफल रहे ठगों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस सर्च अभियान चला रही है।

एक अन्य मामला जोधपुर जिले का है, यहां आईआईटी की एक महिला असिस्टेंट प्रोफेसर से ठगों ने 23.22 लाख रुपये ठग लिए। पुलिस जांच में पता चला कि ठगों ने एक फर्जी खाता खोलकर उसमें दो दिनों में 1.71 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए और बाद में यह रकम 10 अलग-अलग खातों में भेज दी।

जांच अधिकारी महेंद्र कुमार ने बताया कि ठग अमित ने अपने छोटे भाई मनु के नाम पर यह खाता खोला और ठगों के संपर्क में आकर इसे किराए पर दे दिया। यह खाता ठगी की रकम को ट्रांसफर करने के लिए उपयोग किया गया। जब पुलिस ने जांच शुरू की, तब तक अधिकांश रकम अन्य खातों में ट्रांसफर हो चुकी थी और खाते में केवल 1000 रुपये बचे थे। 

राजस्थान में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कार्रवाई के दौरान पुलिस टीम पर हुए हमले पुलिस की चुनौती को और बढ़ा रहे हैं।

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान साइबर ठगी के मामले में देश में 9वें स्थान पर है। 

पहले स्थान पर उत्तर प्रदेश, दूसरे पर कर्नाटक तो तीसरे पर महाराष्ट्र है।

राजस्थान के गृह विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी 2021 से 31 दिसंबर 2023 के दौरान प्रदेश में साइबर ठगी के कुल 4,567 मामले दर्ज हुए, जिनमें से जयपुर और जोधपुर के लोग सबसे ज्यादा ठगी का शिकार बने। इनमें जयपुर में ठगी के 906 मामले और जोधपुर में 516 मामले दर्ज हुए।

राजस्थान पुलिस 3 वर्षों में साइबर ठगी में प्रयोग की जा रही 2,05,552 फर्जी सिमों को ब्लॉक करा चुकी है। इसके साथ ही 2 लाख, 17,504 मोबाइल आईएमईआई हैंडसेट को ब्लॉक कराया गया है। बीते तीन वर्षों में ठग 1 अरब 65 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी कर चुके हैं।

साइबर ठगी को रोकने के लिए पुलिस ने एंटी वायरस अभियान छेड़ रखा है। साइबर ठगी को 51 प्रकारों में बांटा गया है। इनमें कम्प्यूटर संबंधी अपराध, साइबर आतंक, निजता का हनन व निजी विवाद के चलते भी लोगों के साथ साइबर ठगी जैसे मामले भी शामिल हैं। कमिश्नरेट के साइबर थानों और जिलों की साइबर सेल में ठगी के मुकदमों में बढ़ोतरी हुई है।

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