मंदिरों की सुरक्षा को लेकर देवस्थान विभाग कटघरे में, सिरोही में पुजारी की हत्या

मंदिरों की सुरक्षा को लेकर देवस्थान विभाग कटघरे में, सिरोही में पुजारी की हत्या

मंदिरों की सुरक्षा को लेकर देवस्थान विभाग कटघरे में, सिरोही में पुजारी की हत्यामंदिरों की सुरक्षा को लेकर देवस्थान विभाग कटघरे में, सिरोही में पुजारी की हत्या

राजस्थान में मंदिरों में चोरी के साथ साथ लूट, हत्या और देवस्थान विभाग की लापरवाही व निर्णयों से संबंधित मामले बढ़ते ही जा रहे हैं, जिसके कारण लोगों में रोष व्याप्त है। मंगलवार को राजस्थान के तीन अलग अलग स्थानों से मंदिरों से संबंधित मामले दर्ज किए गए। जिसमें दो मामले उदयपुर के देवस्थान विभाग और एक अन्य मामला सिरोही का है।

उदयपुर में मंगलवार को देवस्थान विभाग के विरुद्ध सामने आए महत्वपूर्ण प्रकरणों ने हिन्दू संगठनों और स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश पैदा कर दिया। मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने की चर्चा के बीच उदयपुर का देवस्थान विभाग कई प्रकरणों को लेकर विवादों में है। जो निम्न है:

पहला प्रकरण श्यामजी मंदिर में फिल्म की शूटिंग से सम्बंधित है।

देवस्थान विभाग ने शहर के मांजी घाट स्थित सरदार स्वरूप श्यामजी मंदिर में फिल्म “सनी की तुलसी कुमारी” की शूटिंग की अनुमति दे दी, इसके बाद विवाद खड़ा हो गया। मंदिर बचाओ संघर्ष समिति और विभिन्न हिन्दू संगठनों ने शूटिंग की अनुमति पर कड़ा विरोध जताया। हिन्दू समाज का मानना है कि मंदिर एक पवित्र तीर्थ स्थल है, मंदिर में शूटिंग से धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचती है। विरोध के बाद मंगलवार को होने वाली शूटिंग को रोक दिया गया, लेकिन बुधवार को फिर से शूटिंग का शिड्यूल तय कर दिया गया। इस मुद्दे पर देवस्थान मंत्री तक शिकायत की गई। संघर्ष समिति के संयोजक हरीश तिवारी और सह संयोजक रोहित चौबीसा सहित अन्य पदाधिकारियों ने कलेक्टर और एसपी से मिलकर शूटिंग की स्वीकृति रद्द करने की मांग की है।

वहीं दूसरा प्रकरण जावर माता मंदिर के पुजारियों से अभद्रता का है। उदयपुर से लगभग 35 किलोमीटर दूर जावर माता मंदिर स्थित है। जावर माता पुजारी संघ के सचिव भरत शर्मा और उनके सहयोगी नवरात्रि बजट को लेकर देवस्थान विभाग पहुंचे थे, जहां सहायक आयुक्त जतिन गांधी से उनकी बहस हो गई। पुजारी संघ का आरोप है कि सहायक आयुक्त ने पुजारियों के साथ दुर्व्यवहार व जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया और उन्हें “आतंकी” कहा। जिसके बाद पुजारी संघ ने सांसद मन्नालाल रावत को ज्ञापन सौंपा और सहायक आयुक्त के विरुद्ध शिकायत दर्ज की।

मंदिर बचाओ संघर्ष समिति के सदस्यों का कहना है कि देवस्थान विभाग का काम मंदिरों की सेवा और प्रबंधन करना है, लेकिन इसके उलट विभाग स्वयं ही मंदिरों की पवित्रता को भंग कर रहा है। समिति के अनुसार, इस प्रकार की फिल्म शूटिंग से मंदिर के महत्व और धार्मिक भावनाओं पर गहरा असर पड़ता है।

देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त जतिन गांधी ने कहा कि फिल्म शूटिंग की स्वीकृति नियमों के अंतर्गत दी गई थी। यदि उच्च अधिकारियों से इसे निरस्त करने के निर्देश मिलेंगे, तो शूटिंग रद्द कर दी जाएगी। वहीं, पुजारियों के आरोपों को उन्होंने पूरी तरह से नकार दिया।

एक अन्य मामला राजस्थान के ही सिरोही जिले से है, जहां दशकों पुराने सिरोही सदर थाना क्षेत्र के कृष्णगंज स्थित गणेश मंदिर के पुजारी सेलम भारती महाराज (70) की सोमवार 23 सितंबर रात दो बदमाशों ने धारदार हथियार से हमला कर हत्या कर दी। जानकारी के अनुसार, चोरी करने के लिए मंदिर में घुसे बदमाशों ने धारदार हथियार (दरांती) से बुजुर्ग पुजारी के शरीर पर 20 बार चाकू से वार किया। शोर सुनकर आस पास के ग्रामीण वहां पहुंचे और एक आरोपी को पकड़ लिया जबकि दूसरा भागने में सफल रहा। 

ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस वहां पहुंची। घायल पुजारी को सिरोही जिला अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया। जहां डॉक्टर ने पुजारी को मृत घोषित कर दिया। पुजारी सलम भारती महाराज लगभग 30 वर्षों से गणेश मंदिर में सेवा-पूजा कर रहे थे। पुलिस ने मंगलवार को सिरोही हॉस्पिटल की मॉर्च्युरी में पोस्टमॉर्टम करवाकर शव ग्रामीणों को सौंप दिया तथा ग्रामीणों द्वारा पकड़े बदमाश को पुलिस में अपनी गिरफ्त में ले लिया।

पुलिस अधिकारियों ने कार्यवाही करते हुए, दूसरे आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है। ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार बदमाशों ने पुजारी के हाथ से चांदी का कड़ा लूटने के लिए ही घटना को अंजाम दिया।

इन सभी घटनाओं ने राजस्थान के धार्मिक और सांस्कृतिक वातावरण को प्रभावित किया है तथा साथ ही मंदिरों की सुरक्षा और देवस्थान विभाग के कार्यों पर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।

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