संत ईश्वर फाउंडेशन ने 17 साधकों को किया सम्मानित

संत ईश्वर फाउंडेशन ने 17 साधकों को किया सम्मानित

संत ईश्वर फाउंडेशन ने 17 साधकों को किया सम्मानितसंत ईश्वर फाउंडेशन ने 17 साधकों को किया सम्मानित

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर। देश भर से कला, साहित्य, पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान दे रहे गुमनाम साधकों की खोज कर समाज के प्रति अपने उत्तरदायित्व की विशेष भूमिका निभा रहे संत ईश्वर फाउंडेशन द्वारा गाँधी जयंती के पावन अवसर पर “अहिंसा परम धर्मो” के समानांतर “अहर्निशं सेवामहे” के सेवा भाव को चरितार्थ करते हुए कुमार विश्वास सहित कुल 17 साधकों को संत ईश्वर सम्मान से सम्मानित किया गया। इस समारोह में महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज, संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। 

सम्पूर्ण भारतवर्ष में अभावग्रस्त और दुरूह प्रदेशों में सेवा के कार्य करने वाले व्यक्तियों / संस्थाओं का चयन करने वाली संत ईश्वर सम्मान समिति वर्ष 2015 से प्रारंभ हुए संत ईश्वर सम्मान से प्रति वर्ष ऐसे संगठनों एवं व्यक्तियों को सम्मानित करती है, जो समाज की दृष्टि से दूर निस्वार्थ भाव से समाज सेवा का कार्य कर रहे हैं। 

इस अवसर पर महामंडलेश्वर गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद जी महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा कि, सेवा साधकों के सम्मान के इस अभियान से मेरा जुड़ाव शुरू से रहा है। फाउंडेशन ने संत ईश्वर को राम की सबरी, कृष्ण के सुदामा के साथ जोड़ कर भारतीय धर्म की परम्परा को आगे बढ़ाया है और भारत की संस्कृति के सेवा भाव को जीवंत रखने का अनूठा और सफल प्रयोग किया है। विशेष रूप से पितृ पक्ष के तर्पण वाली इस विशेष अमावस्या के दिन जो समर्पण दिखाया है वो सच्ची आस्था में माता पिता को तर्पण देने के समकक्ष है।

विशेष सम्मान से सम्मानित कवि कुमार विश्वास ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि, मेरे लिए सम्मानित होने का अवसर संकोच लाता है। दरअसल मेरा प्रारंभिक चेतना का उदय विद्रोह से हुआ, परन्तु संत ईश्वर सम्मान द्वारा सम्मानित होना मेरे लिए गर्व की बात है, साथ ही धर्म को मानवता से जोड़ते हुए उन्होंने राजधर्म पर कहा “जिस देश में धर्म राजधर्म से ऊपर होता है वो देश सर्वश्रेष्ठ होता है। देश की संसद में सेंगोल का प्रतिष्ठित होना इस बात का साक्षात् प्रमाण है।

केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, यह आज के समय की विडम्बना है कि सकारात्मक कार्य करने वाले लोगों की तुलना में सोशल मीडिया पर उन लोगों के फॉलोअर्स अधिक हैं, जो समाज को विपरीत रूप से प्रभावित करते हैं। मीडिया को इस दिशा में विचार करने की आवश्यकता है। संत ईश्वर फाउंडेशन जैसी संस्था का प्रयास निश्चित रूप से सकारात्मक बदलाव लाएगा ऐसी मेरी अपेक्षा और शुभकामनाएं हैं।  

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा, संत ईश्वर जैसे कार्यक्रम में सम्मिलित होना मेरे लिए निश्चित ही सौभाग्य की बात है। परमात्मा के द्वारा दिया गया एक महत्वपूर्ण कर्म समाज सेवा है। परन्तु भारत जैसा दुनिया में और कोई राष्ट्र नहीं है, जहाँ सेवा ही धर्म है।

सम्मान समारोह में उपस्थित सभी आगन्तुकों का आभार प्रकट करते हुए संस्था के अध्यक्ष कपिल खन्ना ने कहा, यह  सम्मान व्यक्तिगत एवं संस्थागत रूप में मुख्यतः चार  क्षेत्रों- जनजातीय, ग्रामीण विकास, महिला-बाल विकास एवं विशेष योगदान (कला, साहित्य, पर्यावरण, स्वास्थ्य और शिक्षा) में तीन श्रेणियों 1 विशेष सेवा सम्मान, 4 विशिष्ट सेवा सम्मान एवं 12 सेवा सम्मान में दिया जाता है।  जिनमें क्रमशः शॉल, ₹5 लाख राशि प्रत्येक एवं ₹1 लाख राशि प्रत्येक एवं सभी विजेताओं को शॉल, ट्रॉफी, प्रमाण- पत्र व प्रतीक मुद्रा सहित प्रत्येक वर्ष  कुल ₹32 लाख की धनराशि से व्यक्तियों और संस्थाओं को सम्मानित किया जाता है। विगत वर्षों में संस्था के द्वारा 120  व्यक्ति / संस्थाओं को सम्मानित किया गया है। इनमें से 6 व्यक्तियों / संस्थाओं को बाद में भारत सरकार ने पद्म पुरस्कारों से भी सम्मानित किया है। विगत वर्ष संत ईश्वर सम्मान अपने स्थापना वर्ष से लेकर अब तक सम्मान देने का शतक भी पूरा करने कर चुका है।

सेवा परमो धर्म की भावना को चरितार्थ करते हुए इस सम्मान के निर्णायक मंडल में एस. गुरुमूर्ति  सी.ए, निर्देशक (भारतीय रिजर्व बैंक), प्रमोद कोहली – से.नि. मुख्य न्यायाधीश (सिक्किम उच्च न्यायालय); सेनि. अध्यक्ष, केंद्रीय प्रशासनिक ट्रिब्यूनल (कैट) पद्मश्री जवाहर लाल कौल- वरिष्ठ पत्रकार, अध्यक्ष, जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र,  पद्मश्री राम बहादुर राय -अध्यक्ष, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र, श्री पन्नालाल भंसाली – अध्यक्ष, राष्ट्रीय सेवा भारती एवं श्री गुणवंत कोठरी, अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने महती भूमिका निभाई है।  

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, पूर्व स्पीकर लोकसभा सुमित्रा महाजन, सह सरकार्यवाह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ डॉ. कृष्ण गोपाल, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल, डॉ. जितेन्द्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती सहित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने विगत वर्षों में इस सम्मान समारोह में अपनी विशेष उपस्थिति दर्ज कराई है और शांत चित्त से सामाजिक कार्यों में लगे व्यक्तियों व संस्थानों को सम्मानित किया है।

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