संगठित एवं अनुशासित समाज शक्ति खड़ी करना संघ के शताब्दी वर्ष का मूल लक्ष्य- डॉ. भागवत

संगठित एवं अनुशासित समाज शक्ति खड़ी करना संघ के शताब्दी वर्ष का मूल लक्ष्य- डॉ. भागवत

संगठित एवं अनुशासित समाज शक्ति खड़ी करना संघ के शताब्दी वर्ष का मूल लक्ष्य- डॉ. भागवतसंगठित एवं अनुशासित समाज शक्ति खड़ी करना संघ के शताब्दी वर्ष का मूल लक्ष्य- डॉ. भागवत

हमारा समाज स्वावलंबी और अनुशासित हो, इसके लिए हर ग्राम तक जन जागरण करना होगा- डॉ. भागवत

बारां, 4 अक्टूबर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने अपने चार दिवसीय बारां प्रवास में कल पहले दिन बारां की संस्था धर्मादा धर्मशाला में प्रान्त के सभी प्रचारकों के साथ बैठक की। 

बारां विभाग के विभाग संघचालक रमेश चंद्र मेहता ने बताया कि सरसंघचालक डॉ. भागवत ने इस बैठक में सभी जिला एवं विभाग प्रचारकों से शताब्दी वर्ष के निमित्त कार्य विस्तार की योजना और कार्य के दृढ़ीकरण पर विस्तार से चर्चा की। सरसंघचालक ने प्रचारकों से बातचीत में कहा कि हमें शताब्दी वर्ष उत्सव के रूप में नहीं मनाना है, डॉक्टर साहब ने संगठित, सबल और अनुशासित हिन्दू समाज का जो स्वप्न देखा था, उसे शताब्दी वर्ष तक पूर्ण करना हमारा ध्येय है। इस निमित्त प्रत्येक ग्राम और नगरीय क्षेत्र में उप-बस्ती तक कार्य का विस्तार करना है। समाज को स्वावलंबी और अनुशासित बनाने के लिए सज्जनशक्ति को साथ लेकर हर ग्राम तक जन जागरण का कार्य व्यापक रूप से चलाना होगा। उन्होंने कहा कि इन सब कार्यों की पूर्ति के लिए बड़ी संख्या में समय देने वाले कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ानी होगी। बैठक में कार्य विस्तार के संदर्भ में व्यापक समीक्षा भी की गई।

सरसंघचालक डॉ. भागवत के संस्था धर्मदा धर्मशाला परिसर में पहुंचने पर संस्था के सदस्यों द्वारा तिलक लगाकर एवं श्रीफल भेंट कर उनका स्वागत किया गया।

आज की बैठक में प्रांत के सभी जिला,विभाग प्रचारकों के साथ वरिष्ठ प्रचारक अरुण जैन, सुरेशचंद, बलिराम एवं निम्बाराम भी उपस्थित थे।

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