धार्मिक कार्यक्रम में उपद्रव करने वालों के बचाव में उतरे एजेंडाधारी, सोशल मीडिया पर कर रहे दुष्प्रचार
धार्मिक कार्यक्रम में उपद्रव करने वालों के बचाव में उतरे एजेंडाधारी, सोशल मीडिया पर कर रहे दुष्प्रचार
जयपुर। जयपुर के करणी विहार थाना क्षेत्र स्थित शिव मंदिर में 17 अक्टूबर की रात शरद पूर्णिमा पर चल रहे धार्मिक कार्यक्रम में उपद्रव करने वालों के बचाव में एजेंडाधारी उतर आए हैं। यह गैंग सोशल मीडिया पर भ्रामक और तथ्यहीन सामग्री वायरल कर समाज में विघटन करने का प्रयास कर रही है। वास्तव में यह घटना हिन्दू समाज और एक भूमाफिया व आपराधिक व्यक्ति के बीच की थी। जिसने कथित तौर पर मंदिर की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा कर पक्का निर्माण कर रखा था। शुरुआत में एजेंडाधारियों ने इस घटना को हिन्दू बनाम मुसलमान बनाने का प्रयास किया, लेकिन आरोपी नसीब सिंह चौधरी के हिन्दू होने की जानकारी सामने आने पर इसे सोशल मीडिया पर आरएसएस बनाम जाट का रंग दे दिया।
एजेंडाधारियों का झूठ
नसीब चौधरी पर कार्रवाई को एजेंडाधारी एक तरफा झूठा बता रहे हैं। साथ ही कह रहे हैं कि नसीब चौधरी निर्दोष है, उसे सिर्फ इसलिए फंसाया गया, क्योंकि वह जाट है। इसके अलावा कहा जा रहा है कि मंदिर में रात दस बजे तक डीजे बज रहा था। नसीब पहलवान की पत्नी ने रोका, तो आरएसएस के लोगों ने उनके साथ बदतमीजी की। भीड़ ने नसीब के घर पर जमकर पत्थरबाजी की तथा निहत्थे लोगों पर कायराना हमला किया गया। सोशल मीडिया पर यह भी प्रचारित किया जा रहा है कि नसीब के घर को तोड़ा गया और कारों में तोड़फोड़ भी की गई। जबकि वास्तविकता यह है कि मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए अवैध निर्माण को प्रशासन ने ध्वस्त किया है।
घटना की सच्चाई
मंदिर पर शरद पूर्णिमा पर समाजोत्सव के रूप में बस्ती के लोग कार्यक्रम आयोजित करते हैं। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक भी भाग लेते हैं। कार्यक्रम के बाद प्रसाद के रूप में खीर वितरित की जाती है। घटना के दिन मंदिर में कोई डीजे (साउंड सिस्टम) नहीं बज रहा था बल्कि वहां बिना डीजे के ही जागरण हो रहा था। इस पर भी नसीब चौधरी को आपत्ति थी। इसका भय इतना अधिक था कि मंदिर में रात आठ बजे बाद कोई घंटी नहीं बजा सकता। मंदिर में होने वाली आरती को लेकर भी वह कई बार विरोध कर चुका था। वह आए दिन श्रद्धालुओं से झगड़ता था। स्थानीय निवासियों ने इसकी कई बार शिकायत भी की थी। घटना वाले दिन भी भजन की आवाज सुनकर नसीब चौधरी अपने बेटे-पत्नी और अन्य साथियों के साथ धारदार हथियार और लाठी लेकर मंदिर में आया और लोगों पर अचानक हमला कर दिया। सीसीटीवी फुटेज में खीर के भगोने को लात मारते और लोगों पर हमला करते हुए नसीब और उसके साथी स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं। इस हमले में शंकर बागड़ा, मुरारीलाल, राम पारीक, लाखन सिंह जादौन, पुष्पेंद्र और दिनेश शर्मा सहित अन्य लोग घायल हुए। इनको सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस) में भर्ती कराया गया। इनमें से तीन जनों का ऑपरेशन हुआ।
पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई
इस घटना से आक्रोशित लोगों ने दिल्ली-अजमेर हाईवे को जाम कर दिया। लोग करणी विहार थाने पहुंचे और प्रदर्शन किया। पुलिस ने मामला दर्ज कर नसीब चौधरी, बेटा भीष्म चौधरी और पत्नी निर्मला चौधरी को गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा जयपुर विकास प्राधिकरण (जेडीए) ने नसीब चौधरी द्वारा मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण कर किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया।
रजनी विहार स्थित शिव मंदिर की घटना को लेकर स्थानीय निवासी मूलसिंह खंगारोत बताते हैं, “मंदिर में शांतिपूर्ण तरीके से भजन और हनुमान चालीसा का पाठ कर रहे थे। इसी दौरान नसीब चौधरी और अन्य साथियों ने भगोने को लात मारकर खीर फैला दी और धारदार हथियार से लोगों पर हमला कर दिया।“
घायल दिनेश शर्मा ने बताया, “कार्यक्रम शांतिपूर्ण चल रहा था। इसी दौरान मंदिर के पड़ोस में रहने वाले नसीब चौधरी और उसके साथियों ने अचानक हमला कर दिया। मेरे हाथ के पास सीने में चाकू के घाव हैं, जिन पर टांके लगे हैं।“
एक अन्य घायल शंकर लाल ने बताया, “हमलावरों ने मेरे सीने में चाकू मारा है। मुझे आठ टांके आए हैं। चाकू दिल पर लगने से बच गया अन्यथा मेरी जान भी जा सकती थी।“