दिशा प्रवर्तक पुरखों को नमन 

दिशा प्रवर्तक पुरखों को नमन 

               डॉ. राम कुमार जोशी

दिशा प्रवर्तक पुरखों को नमन दिशा प्रवर्तक पुरखों को नमन 

रच दिया जिन्होंने महाग्रंथ

हो राष्ट्र जीवन का एक पंथ

जिसमें विभेद का नाम नहीं

धर्म जाति का वाद नहीं

पुष्प लिये हम कृतज्ञता के

नमन हमेशा करते हैं, 

संविधान तंत्र के रक्षक हैं

संविधान दिवस मनाते हैं। 

    

हमें मिले अधिकार असीमित

अस्मिता राष्ट्र की रहे प्रखर

कर्तव्य रहें हमारा लक्ष्य

न भेदभाव हो न्याय समक्ष

हर धर्म के पालनहारों के

स्वतंत्र रीति के रक्षक हैं, 

सम दृष्टिवान उन ऋषियों को

नमन हमेशा करते हैं,

लोकतंत्र के साक्षी बन

संविधान दिवस मनाते हैं।  

     

जब जब भी काली छाया से

संविधान पर चोट हुई

प्रस्ताव भाव से मिली दिशा

औ न्याय क्षेत्र सक्रिय हुआ।

संसद के पारित भावों से

लोकतंत्र सुदृढ़ हुआ

संविधान के रचनाकारों को

नमन हमेशा करते हैं।

संविधान तंत्र के रक्षक हैं

संविधान दिवस मनाते हैं।  

   

संविधान हमारी वह थाती है

जिस पर गर्वीले रहते हैं

उस वृहद ग्रंथ के ज्ञाता हैं,

नीति निर्देश के पालक हैं।

है समन्वय जो भारत में

विश्व में कहीं ना पाते हैं,

संविधान के रचनाकारों का

सम्मान हृदय से करते हैं,

संविधान तंत्र के रक्षक हैं

संविधान दिवस मनाते हैं। 

   

मेरा भारत, मेरा गौरव

संविधान यही सिखाता है,

जीवन शैली को सरल सुघड़,

सदा सुरक्षित रखता है,

राष्ट्र चिन्हों का भान हमें,

सम्मान प्रतिदिन रखना  है,

उन दिशा प्रवर्तक पुरखों को

नमन सदा हम करते हैं।

संविधान तंत्र के रक्षक हैं

संविधान दिवस मनाते हैं।

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