सोचो भारत के रखवालो
रामगोपाल पारीक
सोचो भारत के रखवालो
अफवाहों का काज भ्रम है,
नहीं दया और लाज शर्म है।
तू तू मैं मैं करने वालो,
यही तुम्हारा राज धर्म है?
मुफ्त में राशन देगा शासन,
अगर मिला ये मुझे सिंहासन।
ऐसे वादे करने वालो,
सोचो भारत के रखवालो॥
कभी अल्पमत, कभी बहुमत,
की सरकार गिराने वालो।
क्या तुम जिंदा रह पाओगे,
घर में आग लगाने वालो॥
जाति धर्म के बंधन तोड़ें,
ना बनने दें इनको रोड़े।
टुकड़े टुकड़े करने वालो,
सोचो भारत के रखवालो॥
बाहर खतरा, भीतर खतरा,
बाकी बचा लहू का कतरा।
इसकी बूंद बहाने वालो,
सोचो भारत के रखवालो॥
कोई जीता कोई हारा,
समझो भारत देश हमारा।
अपने मत के ओ मतवालो,
सोचो भारत के रखवालो॥