संघ हमेशा समाज की रक्षा और पोषण के लिए काम करता रहेगा- मोहन
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संघ हमेशा समाज की रक्षा और पोषण के लिए काम करता रहेगा- मोहन
अजमेर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अजयमेरु महानगर का गुणवत्ता शारीरिक प्रदर्शन जवाहर विद्यालय के खेल मैदान में हुआ। संघ के अखिल भारतीय सह शारीरिक शिक्षण प्रमुख ओके मोहन ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों और स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 100 वर्षों की यात्रा, संघ का उद्देश्य, पंच प्रण के विषय पर विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि संघ का काम राष्ट्र साधना है। उन्होंने शाखा की शुरुआत और उसकी महत्ता के बारे में बताते हुए कहा कि आज विश्वभर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 3 हजार शाखाएं चल रही हैं। इस शारीरिक प्रदर्शन का उद्देश्य सामूहिकता लाना है। देश को आगे बढ़ाने के लिए सामाजिक समरसता आवश्यक है और यह भाव हमें घर से शुरू करना होगा। संघ हमेशा समाज की रक्षा और पोषण के लिए काम करता रहेगा। जब-जब देश को आवश्यकता हुई, संघ के स्वयंसेवक आगे आए हैं।
उन्होंने कहा, संघ के शताब्दी वर्ष के साथ-साथ पुण्यश्लोका अहिल्याबाई की जयंती का यह त्रिशताब्दी वर्ष है। आर्यसमाज की स्थापना का यह 200वां वर्ष और भगवान बिरसा मुंडा की जयंती का 150वां वर्ष है। भगवान बिरसा मुंडा ने जनजाति समाज के लिए बहुत काम किया।
उन्होंने कहा, भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। सभी क्षेत्रों में वह महाशक्ति बन रहा है। ऊर्जा क्षेत्र में भारत की शक्ति बढ़ी है। स्वयंसेवक, समाज, संघ, सन्यासी, सब मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, समाज परिवर्तन से व्यवस्था परिवर्तन करना है, तभी भारत विकसित राष्ट्र बनेगा।
इस शारीरिक प्रदर्शन के कार्यक्रम में स्वयंसेवकों ने शाखा में नित्य किए जाने वाले योग व्यायाम का घोष पर प्रदर्शन किया। एक घंटे के प्रदर्शन में 350 से अधिक पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवकों ने दंड के स्वागत प्रकार, शिरमार, क्रमिका चतुष्क, भेद, भुज दंड, नियुद्ध के भूमिवंदन, पार्श्व अस्थि प्रयोग, पद प्रहार, प्रत्युत्प्रचलनम्, प्रदक्षिणा संचलन, घोष प्रदर्शन, सामान्य दण्ड, दण्ड युद्ध, अनवरत दण्ड, पद विन्यास, नियुद्ध, क्रमेण समता, गण समता, गोपुरम, दण्ड योग, व्यायाम योग, योगासन, सामूहिक समता, संचलन का प्रदर्शन किया। सामूहिक गीत, सुभाषित और अमृत वचन का पाठ हुआ। शाखा समय में सम्पूर्ण निर्देश शुद्ध संस्कृत में बोले गए, जिसकी पालना करते हुए स्वयंसेवकों ने दंड, नियुद्ध और योगासन का प्रदर्शन किया।
प्रदक्षिणा संचलन के बाद नगरशः शारीरिक प्रदर्शन हुए, जिनमें सामान्य दण्ड का प्रदर्शन नगर 5 व 6, विशेष दण्ड नगर 3, नियुद्ध नगर 10, पदविन्यास नगर 9, गोपुरम का प्रदर्शन नगर 8, योगासन नगर 2, द्रुतगति योग नगर 11, दण्ड युद्ध का प्रदर्शन नगर 1, दण्ड योग नगर 7, सामूहिक समता नगर 4, गण समता महानगर के स्वयंसेवकों द्वारा किया गया।
गोपुरम में रचना त्रिशूल, पर्वत, कमल पुष्प, ध्वज पताका एवं रचना संतुलन का प्रदर्शन किया गया। घोष वादन में अनेक रचनाओं में मीरा, भूप, जन्मभूमि, टिक-टिक, शिवरंजनी, चेतक का वादन भी किया गया।
इस अवसर पर प्रांत संघचालक जगदीश सिंह राणा, प्रांत प्रचारक मुरलीधर एवं सह प्रांत प्रचारक डॉक्टर धर्मेंद्र भी उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता नरेंद्र कुमार निर्वाण ने की। महानगर संघचालक खाजू लाल चौहान ने सभी का आभार व्यक्त किया।